दबंगों ने नाबालिग लड़की के साथ किया गैंगरेप, पुलिस ने पीड़ित परिवार को थाने से भगाया...खुलेआम घूम रहे हैं आरोपी
यूपी के कानपुर देहात में नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया है. पीड़ित परिवार सजीवली थाने पहुंचा और आरोप लगाया कि शिवली थाने से उन्हें ये कहकर भगा दिया गया कि ये फर्जी रिपोर्ट है.
![दबंगों ने नाबालिग लड़की के साथ किया गैंगरेप, पुलिस ने पीड़ित परिवार को थाने से भगाया...खुलेआम घूम रहे हैं आरोपी minor girl gangrape in kanpur uttar pradesh ann दबंगों ने नाबालिग लड़की के साथ किया गैंगरेप, पुलिस ने पीड़ित परिवार को थाने से भगाया...खुलेआम घूम रहे हैं आरोपी](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/06/16/e376f5b0700b2afd2123c14e8302a535_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
कानपुर: उत्तर प्रदेश में महिला अपराध को रोकने और नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है लेकिन प्रदेश में बढ़ते अपराध के ग्राफ को कम करना नामुमकिन सा लग रहा है. पुलिस अपराधियों और अपराध के आगे नतमस्तक है. अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे है और पुलिस सिर्फ जांच और उचित कार्रवाई की ढपली बजा रही है. आरोप है कि कानपुर देहात के शिवली थाना क्षेत्र के एक गांव में तीन युवकों ने नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया और जान से मारने की धमकी देकर खुलेआम घूम रहे हैं.
गैंगरेप की वारदात को दिया अंजाम
वारादात 13 जून की है. गांव के तीन युवक आकाश, जगत सिंह और सर्वेश एक नाबालिग लड़की को घर में अकेला पाकर उसे उठाकर ले गए और गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया. वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गए. जब पीड़ित लड़की की सूचना घर वालों को लगी तो वो उसे लहूलुहान हालत में दर लेकर आए और पुलिस को सूचना दी.
पीड़ित परिवार को भगा दिया गया
पीड़ित परिवार सजीवली थाने पहुंचा और आरोप लगाया कि शिवली थाने से उन्हें ये कहकर भगा दिया गया कि ये फर्जी रिपोर्ट है. लाख दो लाख लेकर चुपचाप घर जाओ. सवाल ये है कि कानून के रक्षक ही जब ऐसी भाषा का इस्तेमाल करने लगें तो भला पीड़ितों को न्याय कैसे मिलेगा.
पुलिस की कार्यशौली पर उठे सवाल
पुलिस की कार्यशैली ने पूरे महकमे को दागदार कर दिया है और प्रदेश सरकार के अपराधों पर अंकुश लगाने के दावों की पोल खोलकर रख दी है. गैंगरेप पीड़िता के परिजन रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. पुलिस ने ना तो मामला दर्ज किया और ना ही पीड़िता को मेडिकल के लिए भेजा. पुलिस की कार्यशैली से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि पीड़ित परिवार के आरोप कितने सच हैं. अपराध को रोकने की सरकार की मुहिम में ऐसे पुलिस कर्मियों की कार्यशैली बड़ा रोड़ा बन रही है, ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर प्रदेश में कानून का राज कैसे कायम होगा.
ये भी पढ़ें:
वाराणसी पुलिस की फजीहत, लूट का माल बरामद, FIR में लिखा- लूट की कोशिश हुई
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)