बरेली, एबीपी गंगा। सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश है कि 14 साल की नाबालिग रेप पीड़िता की पहचान उजागर नहीं की जाएगी। उसके बावजूद पुलिस अफसर कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाने से बाज नहीं आ रहे। ताजा मामला बरेली का है, जहां फरीदपुर सर्किल में तैनात सीओ रामानंद राय ने एक रेप पीड़िता की पहचान उजागर कर दी। किशोरी के साथ आज सुबह दो लोगों ने गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था।


बरेली के फरीदपुर थाने में दुपट्टे से मुंह छिपाए खड़ी रेप पीड़िता की हम आपको पहचान नहीं बता सकते, भले ही सीओ ने अपने बयान में पीड़िता की पहचान उजागर कर दी हो। एबीपी गंगा देश की सर्वोच्च अदालत का सम्मान करता है और उसके आदेश का पालन करते हुए हम सीओ के उस बयान का भी जिक्र यहां नहीं करेंगे। भले ही सीओ रामानंद राय अपनी जिम्मेदारी न निभाएं, लेकिन हम एक जिम्मेदार न्यूज चैनल हैं और हम किसी भी रेप पीड़िता की पहचान उजागर नहीं करते हैं।


दरअसल, आज सुबह फरीदपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की किशोरी शौच के लिए खेत में गई थी, जहां गांव के ही दो युवकों ने उसे अपनी हवस का शिकार बना लिया। जिसके बाद पीड़िता अपने पिता के साथ थाने पहुंची और सीओ फरीदपुर रामानंद राय को अपने साथ हुई गैंगरेप की घटना के बारे में बताया। जिसके बाद सीओ ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए और फरीदपुर में पास्को एक्ट और धारा 376 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई। सीओ का कहना है कि जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा, हालांकि सीओ का कहना है कि पीड़िता के साथ एक लड़के ने ही रेप किया है।


वहीं, थाने पहुंचे पीड़िता के पिता ने बताया कि उसकी बेटी खेत पर शौच को जा रही थी, तभी गांव के ही अर्जुन व सत्यप्रकाश ने किशोरी को जबरन उठाकर बाइक से दूसरे गांव के खेत ले गए और उसके साथ दुष्कर्म किया। किशोरी की चीख पुकार सुनकर रास्ते से निकल रहे उसके चचरे भाई ने जाकर देखा तो, वहां उसकी बहन थी। बहन को इस हालत में देखकर भाई दंग रह गया। किशोरी के भाई को देखकर आरोपी दुष्कर्म के बाद मौके से फरार हो गए। परिजनों ने आरोपी अर्जुन व सत्यप्रकाश के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी। परिजनों की तहरीर पर फरीदपुर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपी को पकड़ने के लिए दबिश भी दी, लेकिन आरोपी नही मिला।


यहां गंभीर सवाल ये है कि रेप के कई ऐसे केस देखे गए हैं, जहां खुले में शौच जाते वक्त लड़किया दुष्कर्म का शिकार बनी हैं। इससे साफ है कि सरकार कितने भी दावे कर ले की सभी गांव ओडीएफ घोषित हो चुके हैं, सभी जगह शौचालय बन गए है, लेकिन हकीकत आपके सामने है।