Anupriya Patel: मिर्जापुर में अपना दल (सोनेलाल) के कार्यकर्ता पर कथित हमले और उसकी बेटी के अपहरण के प्रयास के मामले में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल द्वारा हस्तक्षेप किये जाने के बाद मंगलवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मंत्री ने पुलिस को कार्रवाई करने के लिए दो घंटे का ‘अल्टीमेटम’ दिया था. उन्होंने अपराधियों को कतई बर्दाश्त नहीं करने की पुलिस की नीति पर भी सवाल उठाया और अधिकारियों से कहा कि अगर कार्रवाई नहीं की गई तो वह इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाएंगी.
दरअसल 18 नवंबर की रात विंध्याचल थानाक्षेत्र में गोपुरा चौकी के तहत कुरैही गांव में कुछ लोगों ने अपना दल के सेक्टर अध्यक्ष अजय पटेल के घर में घुसकर उन पर और उनकी पत्नी बिंदु पर हमला किया था एवं उनकी बेटी का अपहरण करने का प्रयास किया था. अजय पटेल के परिवार के एक सदस्य ने बताया कि आरोपियों ने नशे की हालत में अजय की पिटाई की और उनकी बेटी के साथ बलात्कार करने की कोशिश की.
अनुप्रिया पटेल ने पुलिस को दिया था अल्टीमेटम
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को घटना के बारे में पता चला तो वह अपने पार्टी कार्यकर्ता से मिलने अस्पताल गईं और अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) को बुलाया एवं इस मामले में कथित लापरवाही के लिए विंध्याचल पुलिस की आलोचना की. उन्होंने तीखी टिप्पणी करते हुए पुलिस पर मादक पदार्थों की तस्करी को बढ़ावा देने में व्यस्त होने का आरोप लगाया तथा अपराध को 'कतई बर्दाश्त नहीं करने' की नीति के प्रति पुलिस की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया.
अनुप्रिया पटेल ने मामले में लापरवाही का आरोप लगाते हुए पूछा, 'क्या यही वह शून्य सहनशीलता नीति है जिसका हम पालन करने का दावा करते हैं? उनकी सख्त चेतावनी के बाद विंध्याचल पुलिस ने तुरंत मुकदमा दर्ज कर सात आरोपियों में से तीन को गिरफ्तार कर लिया. विंध्याचल थाने के निरीक्षक सी पी पांडे ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि वायरल वीडियो के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है.
अखिलेश यादव ने भी उठाए थे सवाल
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए 'एक्स' पर कहा, 'जब अपने कार्यकर्ता पर बात आई तो भाजपा की माननीय मंत्री महोदया को यह पूछना पड़ गया कि ‘ज़ीरो टालरेंस की बात करनेवाली सरकार कहां है’. इन्हें तो यह पूछना चाहिए था कि ‘डबल इंजन की सरकार कहां है?’ वैसे ये शायद भूल गयीं की उनके अपने लोग भी सरकार का हिस्सा हैं.'
उन्होंने कहा, 'अब देखना ये है कि उत्तर प्रदेश की पुलिस और चिकित्सा व्यवस्था का भंडाफोड़ होने से इसका ख़ामियाज़ा अधिकारी भुगतेंगे या कहीं मंत्री महोदया या उनके लोग ही इसके शिकार न हो जाएं. आज मंत्री महोदया स्वयं ही पूछ रही हैं : कोई है?'