UP News: मिर्जापुर के बेसिक शिक्षा विभाग में वर्ष 2016 में गलत तरीके से नियुक्तियों का मामला सामने आया है. जिले में सरकारी स्तर से नियुक्ति के लिए 3 सदस्यीय टीम का गठन किया गया था. इस टीम में अपर जिलाधिकारी अध्यक्ष और एडिशनल एसपी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सदस्य बनाया गया था. जिले के रिक्त 8 सीट पर दिव्यांग और अनुसूचित जाति के लोगों की नियुक्ति की जानी थी. जनरल पिछड़ी जाति के लिए कोई सीट नहीं था. इसके बावजूद पर्दे के पीछे चले खेल के चलते मानक को दरकिनार कर मनचाहे लोगों की नियुक्ति कर दी गई. नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों के खिलाफ FIR लिखे जाने की तहरीर दी गई है, जबकि 3 सदस्यीय नियुक्ति टीम के खिलाफ जांच जारी है.


क्या था मामला
प्रदेश स्तर पर खाली पड़े बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्ति के लिए वर्ष 2016 में आवेदन मांगा गया था. जिले में सरकारी स्तर से नियुक्ति के लिए 3 सदस्यीय टीम का गठन किया गया था . इस टीम में तत्कालीन अपर जिलाधिकारी को अध्यक्ष और एडिशनल एसपी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सदस्य बनाया गया था. रिक्त पदों पर आरक्षित वर्ग की खाली सीट पर पात्रों की अनदेखी की. शिकायत मिलने पर जांच आरंभ की गई. जांच के दौरान नियुक्ति पाने वालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. जिसका सीमा अवधि 15 दिन तय किया गया था. किसी ने भी कोई जवाब नहीं दिया. 


लिहाजा शिकायत सही पाए जाने पर आरक्षित सीटों पर गैर की नियुक्ति पर 6 साल बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने नियुक्ति पाने वाले 8 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दिया. इतना ही नहीं सेवाकाल के दौरान उठाए गए वेतन की रिकवरी के लिए मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गौतम प्रसाद ने बताया कि नियुक्ति टीम में शामिल अधिकारियों के खिलाफ उच्च स्तर पर जांच चल रही है.


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