Mirzapur News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मिर्जापुर में गंगा नदी के तट पर विन्ध्य पर्वत पर विराजमान आदिशक्ति माता विंध्यवासिनी (Vindhyavasini Devi  Mandir), मां काली और माता अष्टभुजा के त्रिकोण दर्शन करने से भक्तों के सारे कष्ट मिट जाते हैं और उन्हें परम शांति की अनुभूति होती है. लौकिक और अलौकिक दोनों लोकों का सुख मिल जाता हैं. आदिशक्ति माता विंध्यवासिनी अपने भक्तों को लक्ष्मी के रूप में दर्शन देती हैं तो वही विन्ध्य क्षेत्र में अलग-अलग कोणों पर रक्तासुर का वध करने के वाली माता काली और कंस के हांथ से छूटकर महामाया अष्टभुजा माता सरस्वती के रूप में त्रिकोण पथ पर विराजमान हैं.


जो मांगो मिलता है
मां विंध्यवासिनी को तामसी, राजसी, सात्विक तीनों मार्ग से प्रसन्न किया जा सकता है. काली स्वरूप महाकाली, महालक्ष्मी स्वरूप मां विंध्यवासिनी और महासरस्वती के रूप में मां अष्टभुजा विंध्य पर्वत पर विराजमान होकर भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी कर रही हैं. सिद्धपीठ विन्ध्याचल में तीन रूपों के साथ विराजमान माता विंध्यवासिनी के धाम में दर्शन करने से जो भी भक्तों की कामना होती है उन्हें वह सबकुछ मिल जाता है. 


Uttarakhand: केदारनाथ यात्रा को लेकर तैयारियां जोरों पर, प्रशासन लोगों के ठहरने के लिए कर रहा खास इंतजाम


हर दिन लाखों भक्त पहुंचते हैं 
जगत जननी माता विंध्यवासिनी अपने भक्तों का कष्ट हरण करने के लिए विन्ध्य पर्वत के ऐशान्य कोण में महालक्ष्मी के रूप में विराजमान हैं. दक्षिण में माता काली और पश्चिम दिशा में ज्ञान की देवी सरस्वती माता अष्टभुजा के रूप में विद्यमान हैं. शक्ति पीठ विन्ध्याचल धाम में नवरात्र के दौरान माता के दर पर हाजिरी लगाने वालों की तादात प्रतिदिन लाखों में पहुच जाती हैं. औसनस पुराण के विन्ध्य खंड में विन्ध्य क्षेत्र के त्रिकोण का वर्णन किया गया है.


सारे कष्ट मिट जाते हैं
विन्ध्यधाम के त्रिकोण का अनंत महात्म्य बताया गया है. भक्तों पर दया बरसाने वाली माता के दरबार में पहुंचने वाले भक्तों के सारे कष्ट मिट जाते हैं. त्रिकोण पथ पर निकले भक्तों को माता के दरबार में आदिशक्ति के तीनों रूपों का दर्शन एक ही परिक्रमा में मिल जाता है. विन्ध्य क्षेत्र में दर्शन पूजन और त्रिकोण करने से अनंत गुना फल की प्राप्ति होती है. माता के दरबार में पहुंचे भक्त परम आनन्द के साथ ही शांति प्राप्त करते हैं.


Ayodhya में बेहद भव्य तरीके से मनायी जाएगी रामनवमी, रामलला को लगेगा 50 व्यंजनों का भोग, लाइव प्रसारण भी होगा