Uttar Pradesh News: यूपी के मिर्जापुर (Mirzapur) में नगर पालिका परिषद (Mirzapur Municipal Council) पूर्वजों के पीये गए पानी के दाम की वसूली के लिए नोटिस जारी कर रही है. पहला कनेक्शन सितंबर 1954 में विंध्याचल के पूरब मोहाल में लगाया गया था. अबतक जल कर लेने वाली पालिका 1954 से ही बकाया मानकर अपनी आय बढ़ाने के लिए वसूली में लगी है. उसका मानना है कि घर के सामने से पाइप लाइन जानें पर जल कर और पानी का प्रयोग करने पर जल मूल्य देने का प्रावधान पुराना है. हालत तो यह हैं कि दादा-परदादा के पिए गए पानी का मूल्य पौत्रों से वसूला जा रहा है. नगर में 1920 में नगर पालिका बनी और 1954 से जल की आपूर्ति आरम्भ की गई थी.


200 लोगों को नोटिस जारी
जहां एक तरफ सरकारें राज्यों में मुफ्त का पिटारा खोलकर स्कूटी तक बांटने का राग अलाप चुकी हैं. जहां लैपटॉप, साइकिल और मोबाइल के साथ ही देश की राजधानी में मुफ्त में बिजली दी जा रही है तो वहीं मिर्जापुर में करीब 68 वर्ष से पानी पीकर जिंदा रहने या दुनिया छोड़ चुके लोगों की तलाश की जा रही है. मृतक हो चुके लोगों की अचल संपत्ति पर अपना नाम दर्ज कराने वालों से बकाए की वसूली के लिए करीब 200 लोगों को नोटिस जारी किया गया है.


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किया जा रहा है सर्वे
नगरीय सुविधा के नाम पर भले ही लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ा हो लेकिन जलकर के साथ ही जल मूल्य की वसूली करने के लिए प्रतिदिन मोहल्लों में जाकर सर्वे किया जा रहा हैं. लोगों को जलकर तो पता हैं, लेकिन जल मूल्य की जानकारी के अभाव में बकाया चला आ रहा है. लोग जल मूल्य का भुगतान करने लगें तो पालिका की करीब 60 से 70 लाख की आमदनी बढ़ जायेगी. लोगों ने विभाग के द्वारा की जा रही वसूली पर आश्चर्य जताया है.


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