रायबरेली: पटरी दुकानदारों को हटाने पर प्रशासन पर भड़कीं सदर विधायक अदिति सिंह, मुख्यमंत्री से की शिकायत
रायबरेली में प्रशासन द्वारा पटरी दुकानदारों को हटाये जाने को लेकर स्थानीय विधायक अदिति सिंह ने विरोध किया है. अदिति सिंह ने कहा कि रात के अंधेरे में कार्रवाई करना सही नही है.
रायबरेली: बीते 16 दिसंबर को पटरी दुकानदारों के कब्जे को हटाने के बाद पुलिस प्रशासन पर सदर विधायक अदिति सिंह ने जमकर हमला बोला. प्रशासन को चोरों की भांति दुकानदारों को हटाने की बात कहते हुए अदिति सिंह ने दुकानदारों के साथ खड़े रहने की खुलेआम बात कही.
प्रेस वार्ता के दौरान सदर विधायक अदिति सिंह ने कहा कि जिस तरह पुलिस प्रशासन ने चोरों की तरह सिविल लाइन की पटरी दुकानदारों की रोजी-रोटी छीन ली है, वह बेहद निंदनीय है. इस तरह रात के अंधेरे में दुकानदारों को हटाया गया वह पुलिस प्रशासन की दरिंदगी ही कही जाएगी. मैंने हटाए गए पटरी दुकानदारों को पुनर्स्थापित करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री से बात की है. माननीय मुख्यमंत्री जी ने उन्हें पुनः स्थापित करने के लिए आश्वस्त भी किया है.
अंधेरे में कार्रवाई करना सही नहीं
अदिति सिंह ने पुलिस प्रशासन पर हमला बोलते हुए कहा कि रायबरेली की पुलिस प्रशासन ने बेहद ही गलत तरीके से पटरी दुकानदारों की दुकान व घर हटाया है, ऐसा नहीं करना चाहिए था. रात के अंधेरे में कौन सा नियम है कि घर व दुकान को पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाए. 120 दुकानदार अपने परिवार का भरण पोषण इन्हीं दुकानों के भरोसे कर रहे थे. मैं दुकानदारों के साथ पहले भी खड़ी थी और आगे भी खड़ी रहूंगी. जब तक इन को पुनः स्थापित नहीं किया जाएगा तब तक की लड़ाई लड़ती रहूंगी.
बिना नंबर की गाड़ियां थी अतिक्रमण हटाने में
नगर पालिका की गाड़ियां अतिक्रमण हटाने में नहीं थी. बिना नंबर की गाड़ियां डंपर व जेसीबी इस कार्य में लगी रहीं. अगर हम लोगों की गाड़ी बिना नंबर की होती तत्काल कार्रवाई होती. पुलिस प्रशासन ने घृणित कार्य किया है. जिलाधिकारी ने नगर पालिका अध्यक्ष को बुलाकर जिस तरह डांटा वह बेहद ही निंदनीय है. एक महिला जनप्रतिनिधि को डांटने का अधिकार जिलाधिकारी को नहीं है. नगरपालिका ने अपनी गाड़ियां व संसाधन नहीं भेजें जिस पर डीएम बौखला गए. यह बिल्कुल भी बर्दाश्त के काबिल नहीं है.
इस तरह सदर विधायक अदिति सिंह ने जमकर पुलिस प्रशासन पर हमला बोला और दुकानदारों के साथ खड़े रहने की बात कही. इतना ही नहीं उनको दोबारा स्थापित करने के लिए लड़ाई लड़ने के लिए सदर विधायक ने अपनी कमर कस ली है.
आपको बता दें कि, बीते 16 दिसंबर को माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर पुलिस प्रशासन ने सिविल लाइन सो अवैध कब्जे को हटाने का काम किया था. जिसके बाद रायबरेली की राजनीति में भूचाल सा आ गया, क्योंकि सत्ता पक्ष व विपक्षी पार्टियों के बीच जुबानी जंग छिड़ गयी.
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