कुशीनगर, एबीपी गंगा। कुशीनगर में रामकोला सुरक्षित विधानसभा सीट के विधायक को एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट ने जेल भेज दिया है। सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी से विधायक रामानंद बौद्ध पर अहिरौली थाने के जगदीशपुर बाजार में एक व्यक्ति के घर तोड़फोड़ और आगजनी करने का मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने उस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी थी लेकिन विधायक न्यायालय में पेश नहीं हुए थे, जिसके कारण उन्हें जेल भेज दिया गया।
विधायक रामानंद बौद्ध पुराने मामलों में कोर्ट पहुंचकर अपनी स्वीकृति करा रहे थे लेकिन कोर्ट ने जगदीशपुर बरडीहा प्रकरण में विवेचक दिग्विजय सिंह द्वारा मांगी गई रिमांड को स्वीकर करते हुए पांच अक्टूबर तक उन्हें जेल भेज दिया है। न्यायालय द्वारा इस तरह से एकाएक जेल भेजने से विधायक और उनके समर्थकों में मायूसी छा गई। विधायक रामानंद बौद्ध ने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से मना कर दिया।
विधायक ने बातचीत में यह बताया कि आईजी साहब से बात हुई थी वह बोले थे कि विवेचना में आपका नाम निकल जाएगा इसीलिए मैं निश्चिंत हो गया था। इसमें सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं की रणनीति की वजह से मुझे इस तरह से जेल भेजा जा रहा है। बुधवार को इस प्रकरण की सुनवाई भी नही होनी थी लेकिन विवेचक के प्रार्थनापत्र पर मुझे जेल भेज दिया गया है।
दरअसल, कुशीनगर जनपद के अहिरौली बाजार थाना क्षेत्र के जगदीशपुर बाजार निवासी नौरंग सिंह को गांजे की बरामदगी में अहिरौली बाजार थाने की पुलिस ने अगस्त महीने में जेल भेज दिया था। गांव वालों का यह आरोप था कि पुलिस ने जमीनी विवाद को सुलझाने के लिए विपक्षी से मैनेज होकर इनको फर्जी तरीके से गांजे की बरामदगी में जेल भेजा है। इसी बीच 17 अगस्त को यह अफवाह उड़ी की पुलिस की पिटाई के बाद जेल में उसकी मौत हो गई है। उसके बाद जगदीशपुर में बवाल हो गया।
ग्रामीणों के आक्रोशित होने व पुलिस के खिलाफ लामबंद होकर धरना प्रदर्शन की खबर मिली। सूचना पर विधायक भी अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे। इसी बीच विवाद बढ़ गया और विधायक के नेतृत्व के बाद भीड़ उग्र हो गई और नवरंग सिंह के खिलाफ शिकायत करने वाले संतोष के घर में तोड़फोड़ करने के बाद आगजनी कर दी थी। पुलिस को हल्का बल प्रयोग कर मामले को शांत कराना पड़ा। घटना के बाद संतोष की तहरीर पर पुलिस ने विधायक रामानंद बौद्ध सहित 70 लोगों पर अहिरौली थाने में मुकदमा पंजीकृत किया था। जिसकी विवेचना चल रही है।
विधायक के वकील सुरेंद्र सिंह ने बताया कि बुधवार को विधायक रामानंद बौद्ध अपने एक दूसरे मामले सरकार बनाम रामानंद धारा 353,504,506 में वारंट होने पर जिला सत्र न्यायालय में पेशी पर आए थे। न्यायालय ने इस अभियोग में 20,000 की जमानत पर उनका वारंट निरस्त कर दिया लेकिन अहिरौली थाने में दर्ज मुकदमे में विवेचक दिग्विजय सिंह के प्रार्थना पत्र पर अपर न्यायालय कोर्ट नं 4 के जज विवेकानंद मिश्रा ने विधायक को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।