देहरादूनः उत्तराखंड सरकार से नाराज़ मनरेगा कर्मी देहरादून में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. पूरे प्रदेश में मनरेगा कर्मियों की हड़ताल से कामकाज पूरी तरह से प्रभावित है. मनरेगा कर्मियों की मांग नियमितीकरण, समायोजन और ग्रेड पे दिये जाने को लेकर है. पहले भी कई बार मनरेगा कर्मियों की ओर से हड़ताल की गई लेकिन अब 15 मार्च से मनरेगा कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं और देहरादून में धरना स्थल पर बैठ गये हैं.


बताते चलें की मनरेगा कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से कामकाज भी पूरी तरह से प्रभावित है. प्रदेश में 1294 मनरेगा कर्मी हैं. जो अन्यत्र माध्यमों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. साल 2006 से ये लोग मनरेगा के तहत उप कार्यक्रम अधिकारी, कनिष्ठ अभियंता, कम्प्यूटर ऑपरेटर, ग्राम रोजगार सेवक और ज़िला कम्प्यूटर प्रोग्रामर के पदों पर कार्य कर रहे हैं.


समायोजित किए जाने की मांग


मनरेगा कर्मियों की सरकार से मांग है की हिमांचल प्रदेश की तर्ज पर उन्हें भी ग्रेड पे दिया जाए. विभागों में उन्हें समायोजित किया जाए. सभी कर्मियों का नियमितीकरण किया जाए. पहले भी मनरेगा कर्मी अपनी मांगों को लेकर सरकार से कई बार वार्ता कर चुके हैं लेकिन उनकी मांगो पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है. जिससे नाराज़ मनरेगा कर्मी अब अनिश्चितकालीन हड़ताल कर धरने पर बैठ गये हैं.


हड़ताल से विकास कार्य ठप्प


मनरेगा कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से उत्तराखंड के ग्रामीण अंचल में विकास कार्य पूरी तरह से ठप्प पड़े हैं. हड़ताल से मनरेगा का भुगतान भी बंद कर दिया गया है. हड़ताल के कारण अगले वित्तीय वर्ष की योजनाएं पूरी तरह से प्रभावित हैं. सीएम की ओर से 150 दिनों का रोज़गार दिये जाने पर भी हड़ताल के चलते काम नहीं हो पाया है.


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