लखनऊ, एबीपी गंगा। हिंदुस्तान की राजनीति में मायावती उस शख्सियत का नाम है जो अपने साये पर भी भरोसा नहीं करतीं। वो फिर चाहे राजनीतिक फैसले हो या फिर पार्टी की बैठक के लिए नियम कायदों की बात, वो हमेशा ही नए नियम कायदे बनाकर अनुशासन और पार्टी हित का चोला पहनाती है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को मंडलवार समीक्षा करना शुरू किया तो अपनी ही पार्टी के सिपहसालारों पर भरोसा करना मुनासिब नहीं समझा है।


मीटिंग में पदाधिकारियों को दिए जाने वाले निर्देश और उनकी बातचीत मीटिंग हॉल से बाहर ना जाए इसके लिए मायावती ने बैठक में आने वाले सभी पदाधिकारियों के मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक घड़ी समेत पूरा सामान बाहर रखवा दिया। गेट पर पार्टी की तरफ से एक व्यक्ति सामान का लेखा-जोखा रखकर निगरानी करने के लिए बैठाया गया।


मायावती मंगलवार कोल लखनऊ में अपनी पार्टी के नेताओं की मंडलवार समीक्षा करेंगी। बसपा सुप्रीमो मायावती आज पहले दिन बरेली, चित्रकूट, कानपुर, झांसी, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, आगरा और अलीगढ़ मंडल की समीक्षा करेंगी। बैठक में भाईचारा कमेटियों के गठन से जुड़े काम की समीक्षा होगी। इसके साथ ही उपचुनाव की तैयारियों के संबंध में जरूरी दिशानिर्देश दिए जाएंगे। उपचुनावों के साथ-साथ विधानसभा आम चुनाव के मद्देनजर विधानसभा व सेक्टर स्तर पर भाईचारा कमेटियों के गठन की समीक्षा करेंगी। इस बैठक में यूपी सरकार की तरफ से 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के बाद सियासी नफा-नुकसान पर मंथन करना है।