UP School Mobile Ban: उत्तर प्रदेश के स्कूलों में अब मोबाइल का इस्तेमाल नहीं हो सकेगा. छात्रों और टीचरों को स्कूल परिसर में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना महंगा पड़ेगा. हालिया स्कूलों में हुई घटनाओं को देखते हुए 'एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स उत्तर प्रदेश' ने चिंता शिक्षा विभाग के सामने रखी है. शिक्षा विभाग को लिखी चिट्ठी में कहा गया है कि स्कूलों की घटनाओं के पीछे जिम्मेदार मोबाइल है. इसलिए स्कूलों में मोबाइल के इस्तेमाल को बैन किया जाए. एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स उत्तर प्रदेश की मांग पर विचार करने के लिए शुक्रवार को 11 सदस्यीय कमेटी की बैठक बुलाई गई. माध्यमिक शिक्षा विभाग के संयुक्त शिक्षा निदेशक लखनऊ मंडल प्रदीप कुमार ने बताया कि बैठक में तमाम बिंदुओं पर चर्चा हुई.
स्कूलों में मोबाइल फोन का इस्तेमाल होगा बैन
नर्सरी से इंटरमीडिएट तक के स्कूलों में टीचर मोबाइल फोन प्रिंसिपल ऑफिस में जमा करेंगे. मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर कुछ शर्तों के साथ प्रिंसिपल और प्रशासनिक व्यवस्था में जुटे टीचरों को छूट रहेगी. आपात स्थिति में टीचरों को मोबाइल इस्तेमाल करने के लिए प्रिंसिपल ऑफिस जाना होगा. स्कूल परिसर में पहली बार मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते पकड़े जाने पर टीचरों और छात्रों को चेतावनी और जुर्माना होगा. दूसरी बार के इस्तेमाल पर सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
कमेटी की तरफ से आनेवाली है गाइडलाइन्स
प्रावधान में निष्कासन तक की भी व्यवस्था होगी. बता दें कि, आजमगढ़ में चिल्ड्रेन गर्ल्स कॉलेज की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने कमेटी गठित की थी. कमेटी स्कूलों में मोबाइल के इस्तेमाल पर जल्द गाइडलाइन्स बनाने वाली है. अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि प्रिंसिपल प्रधानाचार्य और टीचरों के लिए नियम बनाने के साथ अभिभावकों की भी जवाबदेही तय की जाएगी. घर से स्कूल आने-जाने के दौरान रास्ते में घटना होने पर स्कूल प्रबंधन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाए.
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