इटावा: उन्नाव जिले में हादसे में दो युवकों की मौत के बाद उपद्रव कर रहे लोगों से निपटने पुलिस बिना सुरक्षा संसाधनों के खाली हाथ पहुंच गए. जिसमें यूपी की उन्नाव पुलिस सिर पर हेलमेट के बजाय स्टूल, हाथों में क्रेट और लकड़ी की टोकरी से अपना बचाव करती नजर आई. इसके बाद अफसरों और पुलिस कर्मियों को भागकर खुद की जान बचानी पड़ी. तीन घंटे तक चले बवाल, पथराव और तोडफ़ोड़ में दारोगा समेत 18 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. इस घटना के बाद इटावा पुलिस ने ऐसे हालात से निपटने के लिए कमर कसी.


पुलिस लाइन में किया गया मॉक ड्रिल


उत्तर प्रदेश के इटावा में पुलिस का बलवा/दंगा मॉक ड्रिल आयोजन किया गया.  इटावा एसएसपी बृजेश कुमार सिंह के निर्देश पर आज शहर के रिजर्व पुलिस लाइन इटावा एवं जनपद के सभी थानों पर दंगा/बलवा नियंत्रण मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इटावा द्वारा रिजर्व पुलिस लाइन परेड ग्राउंड में इस मॉक ड्रिल का निरीक्षण किया व भाग ले रहे पुलिसकर्मियों को भविष्य में कभी भी किसी भी परिस्थिति में दंगों एवं बलवा में आक्रोशित भीड़ से स्वयं को बचाव करते हुए भीड़ को नियंत्रित करने के बारे में आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए. इसी क्रम में सभी थाना प्रभारी एवं थानाध्यक्षों द्वारा थाना स्तर पर मॉक ड्रिल के बारे में पुलिसकर्मियों को जानकारी देते हुए भीड़ से स्वयं का बचाव करते हुए आक्रोशित भीड़ को नियंत्रण करने के बारे में गुर सिखाए गए.


इस दौरान रिजर्व पुलिस लाइन इटावा में प्रतिभाग कर रहे पुलिस कर्मी द्वारा बलवा एवं दंगा नियंत्रण मॉक ड्रिल के दौरान प्रयुक्त होने वाले उपकरणों बॉडी प्रोटेक्टर, हेलमेट, डंडा, टियर गैस गन,  कंसील्ड, रबर बुलेट, फायर ब्रिगेड इत्यादि के साथ संपूर्ण बलवा ड्रिल का अभ्यास किया गया.


अपने को सुरक्षित रखते हुये दंगे को नियंत्रित करने के गुर सिखाये गये


इटावा एसएसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया जनपद में इस तरह के हालात होने पर नियंत्रण करने के लिये आज पुलिस लाइन परेड ग्राउंड में पुलिस बल को एक्टिव रखने के लिए एक मॉक ड्रिल किया गया. इस दौरान किसी भी स्तिथि में अपने सुरक्षा के सही उपकरणों का प्रयोग करें. इसी के साथ सुरक्षा उपकरणों बॉडी प्रोटेक्टर, हेलमेट, डंडा, टियर गैस गन, कंसील्ड रबर बुलेट, फायर ब्रिग्रेड इत्यादि के साथ संपूर्ण बलवा ड्रिल का अभ्यास करवाया गया.


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