दिल्ली से मेरठ तक बन रही देश की पहली रैपिड रीजनल रेल का मॉडल कोच गाजियाबाद पहुंच गया है. मुरादनगर के दुहाई में नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (NCRTC) का डिपो है, जहां इस कोच को रखा गया है. NCRTC का दावा है कि रैपिड रेल के सभी कोच अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे. इसकी सीटें हवाई जहाज जैसी होंगी. यात्रियों को फ्री वाई-फाई की सुविधा मिलेगी. जानकारी के मुताबिक इस साल के अंत तक रैपिड रेल का फुल स्पीड पर ट्रायल होने की उम्मीद है.


कोच की खासियतें


रैपिड रेल में फिलहाल 6 कोच होंगे. कहा जा रहा है कि यात्रियों का लोड बढ़ने पर ये कोच बढ़ाकर 9 तक किए जा सकते हैं. एक कोच पूरी तरह प्रीमियम क्लास होगा, जिसमें एंट्री-एग्जिट के लिए दोनों तरफ दो-दो गेट और स्टैंडर्ड कोच में तीन-तीन ऑटोमेटिक गेट होंगे. ट्रेन में 2-2 ट्रांसवर्स सीटिंग, आरामदायक स्टैंडिंग स्पेस, लगेज रैक, सीसीटीवी कैमरे, लैपटॉप-मोबाइल व अन्य गैजेट्स की चार्जिंग सुविधा, डायनेमिक रूट मैप होगा. यात्री फ्री वाई-फाई का इस्तेमाल कर सकेंगे. हर ट्रेन में एक कोच वूमेन स्पेशल होगा.


82 किमी लंबा रूट, 30274 करोड़ रुपए खर्च होंगे


रैपिड रेल कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ के मोदीपुरम तक करीब 82 किलोमीटर लंबा बन रहा है. इस दूरी को तय करने में रैपिड रेल को महज 55 मिनट लगेंगे. इस प्रोजेक्ट से दिल्ली के दो प्रमुख रेलवे स्टेशन सराय काले खां और आनंद विहार कनेक्ट किए जाएंगे. जबकि इसका ट्रैक रूट सराय काले खां से शुरू होकर न्यू अशोक नगर, आनंद विहार, गाजियाबाद में साहिबाबाद, गाजियाबाद, दुहाई, मुरादनगर, मोदीनगर साउथ, मोदीनगर नॉर्थ, मेरठ में परतापुर, रिठानी, शताब्दीनगर, ब्रहम्पुरी, भैंसाली डिपो, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी कैंट, मोदीपुरम तक है. इस प्रोजेक्ट पर कुल रकम 30 हजार 274 करोड़ रुपए खर्च होगी.


रैपिड रेल की मेट्रो से तीन गुना रफ्तार


मुरादनगर डिपो के अभियंता ने बताया कि गाजियाबाद से मेरठ के बीच रैपिड रेल के पिलर बन चुके हैं. उन पर पटरियां बिछाने का काम तेजी से चल रहा है.  रैपिड रेल, मेट्रो रेल से तीन गुना रफ्तार (180 किलोमीटर प्रति घंटा अधिकतम) से चलने वाली है. शुरुआत में गाजियाबाद के दुहाई डिपो में ट्रायल ट्रैक तैयार हुआ है. यह करीब एक किलोमीटर लंबा ट्रैक है. इसी ट्रैक पर मॉडल कोच को गुजरात से लाकर खड़ा किया गया है. रैपिड रेल के ब्रेक सिस्टम अत्याधुनिक हैं. ब्रेक लगने पर पटरियों पर करीब 30 फीसदी ऊर्जा पैदा होगी, जिसे इस्तेमाल में लिया जाएगा. मॉडल कोच की विंडो पर यह पोस्टर लगाया गया है कि यह देश की पहली रैपिड रीजनल रेल है जो दिल्ली से मेरठ के बीच चलेगी.