15 फरवरी के बाद पंचायत चुनाव के लिये यूपी में लग जाएगी आचार संहिता, 45 दिन में पूरी होगी चुनाव प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिये गतिविधियां तेज हो गई हैं. वहीं इस बार चुनाव में नियमों के बदलाव को लेकर सरकार बड़े फैसले ले सकती है. अप्रैल में ये चुनाव प्रस्तावित है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सभी सियासी दलों की निगाहें अब पंचायत चुनाव पर लगी है. 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले सियासी दल अपना पूरा दमखम इस पंचायत चुनाव में दिखाने की तैयारी में जुटे हैं. प्रदेश में पंचायत चुनाव अप्रैल के पहले हफ्ते तक संपन्न करा लिए जाएंगे और त्रिस्तरीयपंचायत चुनाव में चारों पदों के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे. पंचायत चुनाव को लेकर प्रदेश में 15 फरवरी के बाद आचार संहिता लग जाएगी और उसके 45 दिन के भीतर पंचायत चुनाव की पूरी प्रक्रिया संपन्न कराई जाएगी. ये कहना है उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी का.
बदल सकते हैं नियम
इस बार पंचायत चुनाव में कुछ नियम भी बदल सकते हैं. सरकार इस तैयारी में है कि पंचायत चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार के लिए शैक्षिक योग्यता को अनिवार्य किया जाए. साथ ही साथ जिनके दो बच्चे हैं वहीं चुनाव में उम्मीदवार बन सके. इसके लिए भी नियमों में बदलाव की तैयारी की जा रही है. पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी का कहना है कि पंचायत भी पढ़ी लिखी हो यह सोच सरकार की है, और देश के कुछ राज्यों में पंचायत चुनाव को लेकर इस पर नियम भी बनाए गए हैं. साथ ही इन पंचायत चुनाव में अपराधी उम्मीदवारी ना कर सकें इस पर भी कुछ कड़े नियम सरकार ला सकती है. हालांकि पंचायती राज मंत्री का कहना है कि अभी उत्तर प्रदेश में इस पर फैसला होना है, उनकी माने तो कैबिनेट में यह फैसले लिए जाएंगे.
खर्च की सीमा तय की गई
उत्तर प्रदेश में 58 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतें हैं. 826 ब्लॉक है और 75 जिला पंचायतें हैं. ये सभी चुनाव बैलेट पेपर से होंगे और इसमें पार्टी का सिंबल अलाउ नहीं किया जाएगा. वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए खर्च की सीमा 4 लाख तय की गई है, और ग्राम प्रधानों के लिए खर्च की सीमा 75 हजार तय की गई है.
उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी का कहना है कि साल 2015 में पिछली सरकार में जब पंचायत के चुनाव हुए थे तब 90 दिनों तक चुनाव की प्रक्रिया चली थी और दो चरणों में चुनाव हुए थे, लेकिन इस बार सरकार की तैयारी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव एक चरण में कराने और 45 दिन में इसे संपन्न करा लेने की है. उनका कहना है कि 16 जनवरी तक परिसीमन का प्रकाशन हो जाएगा और 24 तारीख से आरक्षण का काम उत्तर प्रदेश में शुरू हो जाएगा, जो 15 फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा.
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