UPS News: पुरानी पेंशन स्कीम दुबारा शुरू करने की उठ रही मांग के बीच सरकार द्वारा लाई गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम लखनऊ विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग की टीम की सिफारिशों पर आधारित है. भारत सरकार ने जिस एकीकृत पेंशन प्रणाली को शुरू करने का ऐलान किया है इसका शोध लखनऊ विश्विद्यालय के प्रो. सोमेश कुमार शुक्ला , डॉ अमित मिश्रा, अभिषेक द्विवेदी और लखनऊ विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग की उनकी टीम के द्वारा किए गए अनुसंधान और सिफारिशों पर आधारित है. डॉक्टर सोमेश की टीम ने "ओ.पी.एस. और एन.पी.एस. का तुलनात्मक विश्लेषण किया और उसे सितंबर 2023 में यूजीसी केयर में ISSN 2348-8425 के अंतर्गत प्रकाशित कराया था.
इस शोध में प्रो. शुक्ला एवं डॉ अमित मिश्रा ,अभिषेक द्विवेदी और अन्य दो प्रमुख शोधकर्ता ने अपने शोध में पुरानी पेंशन योजना (ओ.पी.एस.) और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एन.पी.एस.) के बीच गहन तुलना की. इस विश्लेषण में उन्होंने दोनों योजनाओं की दीर्घकालिक स्थिरता, वित्तीय प्रभाव और कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद की जीवनशैली पर पड़ने वाले प्रभावों का आकलन किया. उनके अध्ययन ने यह उजागर किया कि एक एकीकृत पेंशन प्रणाली की आवश्यकता है, जो ओ.पी.एस. की सुरक्षा और एन.पी.एस. की वृद्धि क्षमता को मिलाकर सरकारी कर्मचारियों के लिए एक संतुलित और स्थायी सेवानिवृत्ति ढांचा प्रदान कर सके.
अखिलेश यादव, मायावती, राजभर और चंद्रशेखर... रास्ते अलग, मंजिल एक, यूपी में दिखेगी नई सियासी तस्वीर?
सोमेश शुक्ला ने दी ये अहम जानकारी
प्रोफेसर सोमेश शुक्ला ने एबीपी लाइव से बातचीत में बताया कि इस महत्वपूर्ण शोध के प्रकाशन के बाद इसके सुझावों को प्रधानमंत्री कार्यालय और भारत सरकार के कार्मिक विभाग को भेजा गया था जहां से वो आगे की समीक्षा के लिए पेंशन विभाग को भेज दिया गया और व्यापक समीक्षा और चर्चाओं के बाद, सरकार ने प्रो. शुक्ला और उनकी टीम द्वारा प्रस्तावित अधिकांश सुझावों एवं को कुछ संशोधनों के साथ अपनाने का निर्णय लिया है.
प्रोफेसर सोमेश शुक्ला ने बताया कि नई एकीकृत पेंशन प्रणाली का उद्देश्य ओ.पी.एस. के निश्चित लाभों को एन.पी.एस. की बाजार-लिंक्ड रिटर्न के साथ मिलाकर एक अधिक संतुलित और विश्वसनीय सेवानिवृत्ति योजना प्रदान करना है. हालांकि, इसमें से एक प्रमुख सुझाव जिसे सरकार ने शामिल नहीं किया, वह है कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए चिकित्सा लाभों की व्यवस्था, जिसे मूल रूप से पेंशन फंड के 10% कोष से कवर करने का सुझाव दिया गया था.