Bangladesh Crisis: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने केंद्र में भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार का बांग्लादेश मामले पर समर्थन किया है.
बसपा चीफ ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- पड़ोसी देश बांग्लादेश के तेज़ी से बदलते हुए राजनीतिक हालात के मद्देनज़र आज की सर्वदलीय बैठक अति महत्वपूर्ण, जिसमें सभी दलों द्वारा सरकार के फैसलों के साथ रहने का निर्णय उचित व ज़रूरी. बीएसपी भी इस मामले में केन्द्र सरकार के फैसलों के साथ.
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को एक सर्वदलीय बैठक में नेताओं को सूचित किया कि भारत ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मदद का भरोसा दिलाते हुए उन्हें भविष्य की रणनीति तय करने के लिए समय दिया है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.
बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री हसीना के अचानक इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने से वहां अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है.
हसीना सोमवार रात बांग्लादेशी वायुसेना के एक सी-130 जे सैन्य विमान से भारत पहुंची थीं. बताया जा रहा है कि उनकी लंदन जाने की योजना है.
विदेश मंत्री ने क्या कहा?
संसद भवन में राजनीतिक दलों के नेताओं को बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत पड़ोसी देश में मौजूद 10 हजार से अधिक भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेशी सेना के संपर्क में है.
बैठक के बाद विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “आज संसद में एक सर्वदलीय बैठक में बांग्लादेश के हालिया घटनाक्रमों के बारे में जानकारी दी. इस दौरान जताए गए सर्वसम्मत समर्थन और तालमेल के लिए सभी दलों की सराहना करता हूं.”
कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने बताया कि सर्वदलीय बैठक में सरकार ने बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा, “जहां तक राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय हित का सवाल है, कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से सरकार के साथ है.” हालांकि, कार्ति बैठक में मौजूद नहीं थे.
सर्वदलीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) नेता टी आर बालू, राष्ट्रीवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता सुप्रिया सुले सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया.