लखनऊ, एबीपी गंगा। लोकसभा चुनाव के नतीजे की तारीख 2019, 23 मई हमेशा याद रखी जायेगी। मोदी की सुनामी ने सियासत के सारे समीकरणों को बौना साबित कर दिया। भारतीय जनता पार्टी ने साल 2014 के मुकाबले अपने प्रदर्शन को और बेहतर बनाते हुए अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया। अपने सहयोगी दलों के साथ भाजपा ने 352 सीटों पर अजेय बढ़त बना ली। यही नहीं हैरतअंगेज प्रदर्शन करते हुए पार्टी अपने दम पर इस बार मिशन 300 प्लस भी पूरा किया। यूपी, बिहार से लेकर राजस्थान तक भगवा लहराता नजर आया।


मोदी को रोकने के लिए विपक्ष एकजुट हुआ लेकिन मोदी लहर ने सभी को निष्प्रभावी बना दिया। उत्तर प्रदेश में जातिगत समीकरण के गुणा भाग में सपा-बसपा और रालोद ने गठबंधन किया और भाजपा को चुनौती दी। लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने इतिहास रचते हुये जातीय राजनीति के जाल को काट दिया और यूपी में दमदार प्रदर्शन किया। 80 लोकसभा सीटों पर भाजपा ने 62 सीटों पर अपनी जीत तय कर दी, दूसरी तरफ गठबंधन 16 सीटें ही अपने खाते में कर पाया। पिछली बार दो सीटें जीतने वाली कांग्रेस इस बार सिर्फ रायबरेली ही बचा पाई। स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अमेठी में मात दी।गठबंधन को लेकर राजनीतिक पंडितों ने भविष्यवाणी की थी कि भाजपा को बड़ा नुकसान होगा लेकिन पार्टी ने सभी आंकड़ों को झुठला दिया।



तकरीबन यहीं स्थिति उत्तराखंड की रही। पहाड़ों पर चटक केसरियां रंग दिख रहा था। भाजपा ने यहां एकतरफा पांच लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की। विपक्ष की कोई रणनीति काम न आई। यही स्थिति हिमाचल प्रदेश में रही, सभी चार सीटें भाजपा के खाते में गईं।


दिल्ली की सात लोकसभा सीट पर मोदी का जादू इस कदर चला कि विपक्ष धराशाई हो गया। सभी सीटें भाजपा की झोली में आईं। कांग्रेस और आप के दावे खोखले साबित हुये।



राजस्थान,मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कुछ ही महीने पहले विधानसभा के चुनाव हुये थे, इन चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी। उम्मीद की जा रही थी कि इन राज्यों में पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी, लेकिन भाजपा ने यहां पर भी अपना विजय अभियान जारी रखा। राजस्थान में भाजपा ने क्लीन स्वीप करते हुये सभी 25 सीटें अपने नाम कीं। मध्य प्रदेश की 29 सीट में से 28, छत्तीसगढ़ में 11 सीटों में से 9 सीटों पर जीत की कहानी लिखी।