बिआरित्ज/लंदन, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की गुंजाइश को सोमवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय रूप से सभी मुद्दों पर चर्चा कर समाधान कर सकते हैं और “हम किसी तीसरे देश को कष्ट नहीं देना चाहते।”




अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बगल में बैठकर मीडिया से बातचीत के दौरान मोदी ने यह टिप्पणी की। ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात से पहले कहा था कि वह फ्रांसीसी शहर बिआरित्ज में जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर कश्मीर मुद्दे पर चर्चा करेंगे।

ट्रंप ने हाल में कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी।  मोदी ने कहा, “भारत और पाकिस्तान के बीच कई द्विपक्षीय मुद्दे हैं और हम किसी तीसरे देश को कष्ट नहीं देना चाहते। हम द्विपक्षीय रूप से इन मुद्दों पर चर्चा कर इनका समाधान कर सकते हैं।”  मोदी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान 1947 से पहले साथ थे और उन्हें विश्वास है कि दोनों पड़ोसी अपनी समस्याओं पर चर्चा कर उनका समाधान कर सकते हैं।

मोदी ने कहा, “चुनावों के बाद जब मैंने प्रधानमंत्री खान से बात की तो मैंने उन्हें बताया कि पाकिस्तान को गरीबी के खिलाफ लड़ना है, भारत को भी इससे लड़ना है। पाकिस्तान को अशिक्षा और बीमारी से लड़ना है और भारत को भी उनसे मुकाबला करना है...मैंने उन्हें बताया कि हमें अपने लोगों के कल्याण के लिये काम करना चाहिए।”  वहीं, ट्रंप ने कहा कि उन्होंने और मोदी ने बीती रात कश्मीर के बारे में बात की और उन्हें लगता है कि भारत और पाकिस्तान इसका समाधान कर सकते हैं।

ट्रंप ने कहा, “हमने बीती रात कश्मीर के बारे में बात की, प्रधानमंत्री को वास्तव में यह लगता है कि यह (स्थिति) उनके नियंत्रण में है। उन्होंने पाकिस्तान से बात की और मुझे विश्वास है कि वे कुछ ऐसा करेंगे जो काफी अच्छा होगा।”  उन्होंने कहा, “मेरे दोनों (मोदी और खान) से अच्छे रिश्ते हैं और मैं यहां हूं। मुझे लगता है कि वे खुद से (मुद्दे का समाधान) कर सकते हैं।”

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “हम व्यापार के बारे में बात कर रहे हैं, हम सैन्य और कई दूसरी चीजों पर बात कर रहे हैं। हमारे बीच कुछ शानदार चर्चा हुई, हम रात्रिभोज के लिये बीती रात साथ में थे और मैंने भारत के बारे में काफी जाना।”

उनकी बैठक ऐसे समय हुई है जब पांच अगस्त को भारत ने जम्मू कश्मीर को दिया गया विशेष दर्जा वापस ले उसे दो केंद्र शासित क्षेत्रों में विभाजित कर दिया था।

संविधान के अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को भारत द्वारा रद्द किये जाने के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था क्योंकि पाकिस्तान ने इस कदम को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी।

भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट रूप से बता दिया था कि यह भारत का अंदरुनी मामला है और पाकिस्तान को भी सलाह दी थी कि वह इस हकीकत को स्वीकार कर ले।