रामभद्राचार्य के बाद देवकीनंदन ठाकुर सरसंघचालक मोहन भागवत के बयान पर बोले- जब तक हमारे मंदिर हमें...
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत के मंंदिर और मस्जिद वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी है.
Mahakumbh 2025: जगद्गुरू रामभद्राचार्य के बाद अब कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी है प्रयागराज महाकुंभ में अपने शिविर का भूमिपूजन करने पहुंचे देवकीनंदन ठाकुर ने एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत की.
इस दौरान कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर भी बोले. उन्होंने कहा कि मोहन भागवत का बड़ा सम्मान करता हूं, इसलिए उनके बयान पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा लेकिन व्यक्तिगत रूप से देवकीनंदन ठाकुर का मानना है कि मथुरा और काशी समेत हमारे दूसरे मंदिर हमें मिलने ही चाहिए.
उन्होंने कहा कि अगर हम भगवान कृष्ण और भोलेनाथ के मंदिरों को नहीं बचा सके तो काहे के कथावाचक और काहे के सनातनी. हम अपनी भावनाएं बता रहे हैं कि जब तक हमारे मंदिर हमें नहीं मिल जाएंगे, तब तक कलेजे में लगी आग नहीं बुझ सकेगी. दूसरे धर्म के लोग अगर सौहार्द दिखाना चाहते हैं तो उन्हें खुद कहना चाहिए कि आप अपने मंदिर वापस ले लो. महाकुंभ में अपने मदिरों के मुद्दे को जोर शोर से उठाएंगे. भागवत के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं लेकिन संघ से यह चाहेंगे कि वह हमारी बातों को सुने और भावनाओं को समझे.
रामभद्राचार्य ने क्या कहा था?
भागवत ने कहा था कि ने कहा था कि हर जगह मंदिर ढूंढ़ने की इजाजत नहीं दी सकती. इसके अलावा भागवत के बयान पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा था कि 'मैं मोहन भागवत के भाषण से पूरी तरह असहमत हूं. मैं बिल्कुल सहमत नहीं हूं..."उधर, ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भागवत की आलोचना करते हुए रविवार को उन पर ‘राजनीतिक सुविधा’ के अनुसार बयान देने का आरोप लगाया और कहा कि जब उन्हें सत्ता प्राप्त करनी थी, तब वह मंदिर-मंदिर करते थे अब सत्ता मिल गई तो मंदिर नहीं ढूंढ़ने की नसीहत दे रहे हैं. शंकराचार्य ने भागवत पर ‘राजनीतिक सुविधा’ के अनुसार बयान देने का आरोप लगाते हुए कहा, “जब उन्हें सत्ता प्राप्त करनी थी, तब वह मंदिर-मंदिर करते थे अब सत्ता मिल गई तो मंदिर नहीं ढूंढ़ने की नसीहत दे रहे हैं.'