अगर आप निवेश करना चाहते हैं तो आपके लिये बेहतर और सुरक्षित विकल्प हैं। इस विकल्प के अंतर्गत आप अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का बड़ा हिस्सा पीएफ खाते में डाल सकते हैं और अच्छा रिटर्न ले सकते हैं।


वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड यानी वीपीएफ एक ऐसा ही सुरक्षित निवेश का विकल्प है। इसमे भी ईपीएफओ जितना ही गारंटीशुदा रिटर्न मिलता है। वीपीएफ पूरी तरह से कर मुक्त होता है। वहीं अगर ब्याज की बात करें तो वीपीएफ में भी ग्रहकों को ईपीएफओ जितना ही, यानी 8.65 फीसदी ब्याज मिलता है। संगठित और असंगठित क्षेत्र के लिए यह निवेश का अच्छा विकल्प है।


बहुत से लोगों ने वीपीएफ के बजाय पीपीएफ का खाता खुलवा रखा है। वीपीएफ में तिमाही आधार पर ब्याज दर तय होती है। हालांकि धन निकासी की शर्तें ईपीएफ से ज्यादा मुश्किल हैं। लेकिन वीपीएफ पर रिटर्न पीपीएफ से बेहतर रहा है। इसके अतिरिक्त आप पीएफ की रकम की तरह ही वीपीएफ की जानकारी भी ईपीएफओ की वेबसाइट पर देख सकते हैं। इतना ही नहीं, पैसों की निकासी के लिए आप ऑनलाइन क्लेम भी कर सकते हैं।


खास बात ये है कि वीपीएफ में निवेश के लिए आपको पोस्ट ऑफिस या बैंक जाने की जरूरत नहीं है। आपको सिर्फ अपनी नियोक्ता कंपनी की जानकारी देनी होती है। इसके लिए आपको एक फॉर्म भर मेल करना होगा और तय रकम आपके खाते से कटकर खाते में चली जाएगी।


वीपीएफ से निकासी के लिए आपके लिए पांच साल की नौकरी करना जरूरी है। साल 2016-17 में वीपीएफ पर 8.65 फीसदी रिटर्न मिला था, वहीं पीपीएफ में ग्राहकों को आठ से 8.1 फीसदी रिटर्न मिला था। साल 2017-18 की बात करें तो तब वीपीएफ ग्राहकों को 8.55 फीसदी रिटर्न मिला था। लेकिन पीपीएफ के ग्राहकों को 7.6 से 7.9 फीसदी रिटर्न मिला था।