लखनऊ: सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को निर्देश दिया कि जिन इलाकों में कोरोना वायरस संक्रमण है, वहां निगरानी टीमें फिर एक बार जाकर ऐसे लोगों की पहचान करेंगी जिनमें लक्षण हैं. अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सोमवार ये निर्देश दिए हैं.
उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की पहचान करके एंटीजन जांच करायी जाएगी और संक्रमित निकलने पर उचित उपचार कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से चिकित्सा की त्रिस्तरीय व्यवस्था एल—1, एल—2 और एल—3 अस्पतालों की पहले से है, जिनमें एक लाख 51 हजार से अधिक बिस्तरों की व्यवस्था है.
सरकार ने की सेमी पेड फेसिलिटी की व्यवस्था
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि 'सेमी पेड फेसिलिटी' की भी व्यवस्था की गयी है. कई शहरों में होटलों को इसके लिए अनुबंधित किया गया है. इसमें दो लोगों के रहने का 2000 रुपये प्रतिदिन खर्च आएगा यानी एक व्यक्ति को एक दिन का 1000 रुपये देना होगा. अगर 10 दिन वहां रहे तो रहने और खाने का 10 हजार रुपये तथा 2000 रुपये प्रतीकात्मक चिकित्सा व्यय देना होगा.
यूप में बनाये गए 47,381 कोविड हेल्पडेस्क
प्रसाद ने आगे बताया कि प्रदेश में कुल 47,381 कोविड हेल्पडेस्क बन गये हैं. यहां इन्फ्रारेड थर्मामीटर और पल्स ऑक्सीमीटर से लगातार लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है. प्रारंभिक स्क्रीनिंग इससे आसान हो जाती है. सरकारी और निजी अस्पतालों में हेल्पडेस्क से लक्षण वाले व्यक्तियों की पहचान की जा रही है और उनकी जांच की जा रही है.
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