मेरठ, बलराम पांडेय: कोरोना काल में बंदरों ने मेरठ प्रशसान को संकट में डाल दिया है. जहां बंदर मेडिकल कॉलेज के अंदर से कोरोना के जांच का सैंपल छीनकर भाग गए हैं. इस घटना से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मेरठ मेडिकल कॉलेज में बंदरों का किस हद तक खौफ हैं कि जांच के सैंपल भी सुरक्षित नहीं हैं. बताया जा रहा है कि बंदरों ने जांच सैंपल पर झपट्टा मारा और उसे लेकर रफू-चक्कर हो गए. जब तक की लैब टेक्नीशियन कुछ समझ पाता, बंदर सैंपल लेकर पेड़ के ऊपर चढ़कर सैंपल को ही चखने लग गया.



कोरोना संकट काल में शासन-प्रशासन को तमाम चुनौतियों से सामना करना पड़ रहा है. कोरोना के संक्रमण साइकिल तोड़ने से लेकर संक्रमित मरीजों की कांटेक्ट टेसिंग जैसी तमाम चुनौतियों से निपटा जा रहा है, लेकिन मेरठ के मेडिकल कॉलेज के स्टाफ के लिए बंदर भी एक बड़ी चुनौती बन गए हैं. मेडिकल कॉलेज में बंदर लगातार मरीजों, डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ को परेशान कर रहे हैं.



और तो और मेडिकल कॉलेज में उस समय अजीबो-गरीब स्थिति उत्पन्न हो गई, जब बंदरों ने एक लैब टेक्नीशियन से जांच के लिए गए सैंपल को ही छीन लिया. इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है. वीडियो के वायरल होने के बाद मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल का बयान सामने आया है. मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर एस के गर्ग का कहना है कि जो सैंपल बंदर ले गए हैं, वो कोरोना के थ्रोट के सैंपल नहीं हैं, बल्कि कोरोना के मरीजों के जो अन्य टेस्ट होते हैं, उनके सैंपल हैं. वहीं, जब उनसे ये सवाल पूछा गया कि क्या ऐसी स्थिति में बंदरों में भी कोरोना हो सकता है. इस पर मेडिकल  कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा है कि अभी कोई साइंटिफिक रिसर्च नहीं है कि बंदरों को कोरोना हुआ हो.


बंदर ने छीने तीन मरीजों के सैंपल 

इस घटना पर सीएमएस डॉक्टर धीरज बालियान का कहना है कि कोरोना के तीन मरीजों के सैंपल बंदरों ने छीन लिए हैं. जिसके बाद दोबारा मरीजों के सैंपल गए. वहीं, डीएम इस मामले की जांच की बात कही है. बता दें कि वायरल वीडियो में दिख रहा है कि कैसे बंदर पेड़ पर बैठकर छीने गए सैंपल को खाने की कोशिश कर रहा है और उसे बाद में गिरा देता है. ऐसे में लोगों में ये चर्चा है कि कहीं बंदर तो संक्रमित नहीं हो जाएंगे.


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