Teerthankar Mahavir University: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी (टीएमयू) में 25 दिन के भीतर संदिग्ध हालात में हुई तीन मौतों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इसके विरोध में प्रदर्शन कर जुलूस निकाला. परिषद ने यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर हुई महिला एसोसिएट प्रोफेसर, मेडिकल स्टूडेंट और एक बीबीए छात्र की मौत की CBI जांच का मांग की.


अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को टीएमयू प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला और जमकर नारेबाजी की. उन्होंने यूनिवर्सिटी में संदिग्ध हालात में हुई मौतों की सीबीआई जांच की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय परिसर में लगातार हो रही मौतों पर सवाल उठाते हुए इसकी तह तक जाने की मांग की है. 


यूनिवर्सिटी में तीन मौतों का मामला गरमाया
दरअसल 9 जून 2024 को आगरा के रहने वाले बीबीए छात्र अक्षत जैन की लाश यूनिवर्सिटी के ब्वॉयज हॉस्टल में पंखे से लटकी मिली थी. यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने इसे सुसाइड बताया था. लेकिन अक्षत के पिता ने बेटे की मौत को सुसाइड के बजाए संदिग्ध बताते हुए मुरादाबाद के एसएसपी से निष्पक्ष जांच की मांग की है. अक्षत बीबीए की पढ़ाई पूरी कर चुका था जिस दिन उसकी लाश टीएमयू के हॉस्टल में फंदे पर लटकी मिली, उसी दिन उसे अपने घर जाना था. इस मामले में अब तक कुछ नहीं हुआ है. 


30 जून 2024 को यूनिवर्सिटी के गेस्ट हाउस में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अदिति मेहरोत्रा की लाश फर्श पर पड़ी मिली थी. उनके गले पर चाकू से कट के 4 निशान थे, लाश के पास में कुछ दवाएं भी पड़ी थीं, हरियाणा के रेवाड़ी की रहने वाली अदिति ने 15 दिन पहले ही टीएमयू में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर नौकरी ज्वाइन की थी. इस मौत को भी सुसाइड बताया गया. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी, अदिति के गले पर मिले चाकू के कट के 4 निशानों के बारे में भी पुलिस कुछ संतोषजनक नहीं बता सकी. ये मामला भी यही सिमट गया. 


ब्वॉयज हॉस्टल में मिली लाश
4 जुलाई 2024 को यूनिवर्सिटी के ब्वॉयज हॉस्टल में मेडिकल छात्र ओशो राग चौधरी की लाश हॉस्टल में उनके कमरे में लटकी मिली, डॉ. ओशोराग चौधरी एमडी (एनेस्थीसिया) फाइनल सेमेस्टर के छात्र थे वह मूल रूप से झारखंड में रांची के रहने वाले थे, उनके पिता डॉ. अपूर्व चौधरी झारखंड में सीएमओ थे, जिनकी मौत हो चुकी है, उनकी मां पूनम चौधरी रांची में जीआईसी की प्रिंसिपल बताई जा रही हैं. डॉ.ओशोराग चौधरी अपने माता पिता की इकलौती संतान थे, उन्होंने सुसाइड क्यों किया, सुसाइड की वजह क्या थी, इसे लेकर आज भी सवाल उठ रहे हैं. 


पुलिस और यूनिवर्सिटी ने घटना के बाद किसी प्रकार का सुसाइड नोट मौके पर मिलने की बात नहीं कही. घटना के बाद मुरादाबाद पहुंची मेडिकल छात्र की मां पूनम चौधरी ने भी कहा, उन्हें नहीं पता कि उनके बेटे ने ऐसा कदम क्यों उठाया. 


यूनिवर्सिटी ने दी सफाई 
एबीवीपी लगातार इस मामले को लेकर विरोध कर रही है. 5 जुलाई को भी एबीवीपी ने टीएमयू गेट पर प्रदर्शन किया था. लेकिन, जब इन मामलों में कोई कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी तो परिषद ने भी विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें तीनों मौतों में यूनिवर्सिटी प्रशासन की संलिप्त प्रतीत होती है. वहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है की विश्वविद्यालय परिसर में हुई घटनाएं दुखद हैं और हमारी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं. पुलिस मामले की जांच कर रही है. कुछ लोग विश्वविद्यालय को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.


गोंडा में राशन कार्ड निरस्त करने की कार्रवाई शुरू, जानें क्या है इसके पीछे की वजह?