मुरादाबाद: गिरफ्तारी के बाद ब्यूटी इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर का बयान, कहा-'फीस के चलते छात्राओं ने लगाए आरोप'
UP News: रक्षंदा खान का कहना है कि कोई भी धर्म हो आज इंसान पैसे के लिए अपना ईमान बेच देता है. पांच महीने का कोर्स कंप्लीट होने के बाद जब फीस देने का नंबर आया तो ये छात्राएं आरोप लगा रही हैं.
Moradabad News: यूपी के मुरादाबाद में धर्मान्तरण के लिए उकसाने के आरोप में लैक्मे एकेडमी की संचालिका रक्षंदा खान गिरफ्तार हुई थी. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा बताया और कहा की मेरे यहाँ सैकड़ों बच्चे पढ़ते हैं. इन छात्राओं ने कोर्स पूरा होने के बाद फीस मांगे जाने पर यह झूठे आरोप लगाए हैं. इसका मेरे पास कैमरे में रिकॉर्ड मौजूद है. लैक्मे इंस्टीटयूट में सैकड़ों बच्चे पढ़ते है. देश का प्रसिद्ध ब्रांड है, जिन बच्चों ने कोर्स के पांच महीने पूरे होने के बाद भी फीस जमा नहीं की है. उन्होंने मेरे ऊपर आरोप लगाए हैं.
डायरेक्टर रक्षंदा खान ने यह भी कहा कि पैसे के लिए लोग अपना ईमान बेच रहे हैं. उन्होंने पैसे जमा नहीं किए हैं और हम पर झूठे आरोप लगा रहे हैं. मेरे यहाँ से सीखे हुए छात्र आज अच्छी सैलरी पर नौकरी कर रहे हैं. हमने पुलिस को पूरी बात बताई है और कोर्ट में सब सबूत पेश करेंगे. आप लोगों से इतनी गुज़ारिश है कि सच्चाई का साथ दें सिर्फ मुसलमान होने की वजह से मेरा साथ न छोड़ें. मुझे पुलिस और कोर्ट पर पूरा भरोसा है. निष्पक्ष जांच हो होने पर सच्चाई सामने आ जाएगी.
क्या बोली रक्षंदा खान
रक्षंदा खान का कहना है कि कोई भी धर्म हो आज इंसान पैसे के लिए अपना ईमान बेच देता है. पांच महीने का कोर्स कंप्लीट होने के बाद जब फीस देने का नंबर आया तो ये छात्राएं आरोप लगा रही हैं. टीचर को पढ़ाने के बाद अब आप फीस नहीं देना चाहते हो और गलत आरोप लगा रहे हो. जो लड़की ख़ुद एक मुस्लिम के साथ आई थी और कह रही थी की आप मेरे पिता जी को मत बताइये तो उसके बारे में आप क्या समझते हो. मै किसी का नाम नहीं ले रही मेरे पास सब सबूत हैं. मैंने अब तक यही कोशिश की कि बच्चें समझें और फीस जमा करें. लेकिन वो नहीं समझे और मेरे ऊपर आरोप लगा रही हैं.
मैं किसी के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहती. लैक्मे का मतलब होता है, लक्ष्मी महान मै इस शब्द की बदनामी नहीं चाहती. यह प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूट है. मेरे इंस्टीटयूट से अब तक 100 से अधिक बच्चे पढ़ कर निकल चुके हैं. उन्होंने कभी शिकायत नहीं की ये तीन छात्राओं ने ही क्यूँ आरोप लगाये. क्योंकि इनकी फीस का मामला था. प्रोडक्ट में मिलावट के आरोप झूठे हैं. जो इन्सान एक करोड़ की फ़्रेनचाईज़ी ले सकता है. वह 200 रूपये की नकली प्रोडक्ट वाली बोतल के बारे में क्या सोचेगा. हमें लैक्मी से भरपूर प्रोडक्ट मिलते हैं हम नकली प्रोडक्ट क्यूँ इस्तेमाल करेंगे.
'मैं इंसानियत की पक्षधर हूं'
मेरी माँ आज भी हिन्दू है. मेरी माँ ने कभी मज़हब नहीं देखा. आज भी वह हिन्दू है, मै उनका पूरा सम्मान करती हूँ. मै इंसानियत की पक्षधर हूँ. मुझे किसी के धर्म से क्या लेना देना, उन्होंने मुझ पर आरोप लगाया कि मै उन्हें धर्म परिवर्तन करने पर गाड़ी दूंगी. आप मेरी ख़ुद की कार देखो कितनी पुरानी है. मै एक कार नहीं खरीद सकती तो उन्हें कहाँ से दूंगी. मेरे पार्टनर भी कहते हैं की आप तो देश सेवा कर रही हो फीस में 50% प्रतिशत तक डिस्काउंट दे रही हो, मुझे कुछ बच भी नहीं रहा है.
मेरे यहाँ सभी बच्चे पढ़ते हैं और मेरे पेज पर भी नवरात्री के माता के 9 लुक्स मैंने ख़ुद बनवाए हैं. मै हर त्यौहार पर बराबर शामिल होती हूँ. मेरे लिए सब समान हैं, इन बच्चों ने फीस वापस मांगी और पैसे के लिए इतना घटिया इलज़ाम लगाया. हम इनके खिलाफ कोर्ट केस करेंगे. मेरे और कंपनी के नाम का जो नुकसान किया है. हम इनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे. मेरे पास कैमरा रिकॉर्डिंग है कि इन्होंने फीस वापस मांगी और उसके बाद यह सब किया है. मुझे संविधान सरकार पुलिस और कोर्ट पर पूरा भरोसा है मुझे न्याय मिलेगा.
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