Moradabad News: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में मसीही समाज का स्कूल सील कर देने और सैकड़ों परिवारों को दो महीने में मकान खाली कर देने का नोटिस दिया गया है. जिसका विरोध किया जा रहा है. इस बीच उनके समर्थन में समाजवादी पार्टी की सांसद रूचि वीरा भी आ गयी हैं. उन्होंने भी प्रशासन की कार्रवाई को गलत बताते हुए मसीही समाज के साथ मिलकर लड़ाई लड़ने का एलान कर दिया है.


मुरादाबाद के सिविल लाइंस इलाके में स्थित मिशनरी के टाइटस हाईस्कूल व आवासीय परिसर को लीज समाप्त होने नगर निगम ने इसे कब्जे में ले लिया और वहां नगर निगम की संपत्ति का बोर्ड लगा दिया है. स्कूल की बिल्डिंग पर अपना ताला लगा कर नगर निगम ने स्कूल को सील भी कर दिया है. जिसके बाद मसीही समाज आक्रोशित है.


मुरादाबाद के सिविल लाईन थाना इलाके में पुलिस लाइन के सामने आजादी से पहले से मसीही समाज के लोग रहते हैं. यहां मिशनरी का एक हाई स्कूल और मसीही समाज के लोगों की आवासीय कालोनी है. लेकिन, अब प्रशासन इस जगह को नजूल की भूमि बता कर यहाँ से इनका कब्ज़ा हटा रहा है जिसे लेकर विरोध शुरू हो गया है. 


विरोध में उतरे मसीही समाज के लोग
मसीही समाज के पादरी अनिल सी लाल का कहना है की हम यहां लगभग डेढ़ सौ सालों से रह रहे हैं और यह स्कूल भी 150 सालों से कायम है. किसी कारण हमारी लीज मार्च 2024 में समाप्त हो गई और प्रशासन के लोगों ने यहां आकर सील लगा दी जबकि हमारा मुकदमा अभी अदालत में विचारधीन हैं. यहां सैकड़ों परिवार रहते हैं उन्हें भी दो महीने में मकान खाली करने के आदेश दे दिए हैं. इनका दावा है कि वो कई पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं.


नगर आयुक्त ने कार्रवाई पर क्या कहा?
इस मामले पर मुरादाबाद के नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने कहा कि अतिक्रमण और अवैध कब्जों के खिलाफ पिछले 4-5 महीनों से अभियान चलाया जा रहा हैं. कोर्ट से टाईटस स्कूल की जमीन को खाली कराने का आदेश जारी हुआ था. ये 6.29 एकड़ की ज़मीन है जिसकी कीमत 520 करोड़ रूपये बताई जा रही है. नगर निगम ने इसे कब्जा मुक्त कराकर अपने अधिकार में ले लिया है. यहां जनहित के कार्य किए जाएंगे. 


इस मामले पर सियासत भी गरमा गई है. मुरादाबाद की सांसद रूचि वीरा भी मसीही समाज के समर्थन में आ गई है. उन्होंने दावा किया कि वो यहां के लोगों को बेघर नहीं होने देंगी और संसद में भी ये मामला उठाएंगी. उन्होंने कहा कि ये लोग पिछले सौ सालों से भी ज़्यादा समय से यहां रह रहे हैं. इन्हें जबरन निशाना बनाया जा रहा है. अभी कोर्ट में केस चल रहा है तो कोई भी अधिकारी या सरकार कोर्ट की अवहेलना न करे. 


बताया जाता है कि प्रशासन की ओर से सुपरिटेंडेंट एमई मिशन को 23 नवंबर 1940 में संबंधित भूमि लीज पर दी गई थी. आरोप है कि आवंटी पक्ष द्वारा उस पर अवैध कब्जा कराया गया है और बिना अनुमति निर्माण भी कराया गया है. डीएम ने लीज की शर्तों का उल्लंघन करने के आरोप में लीज को निरस्त किया गया है. 


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