Moradabad News: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में काम में लापरवाही के चलते एनएचएआई के दो इंजीनियरों को जिलाधिकारी ने मीटिंग में पुलिस बुलाकर थाने में बिठा दिया. घंटों थाने में बैठने बाद पुलिस ने दोनो ही अभियंताओं को विभागीय अफसरों की सुपुर्दगी में दे दिया. मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा से उत्तराखंड के काशीपुर तक सड़क के चौड़ीकरण के प्रोजेक्ट की स्वीकृति मिलने और जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी होने के बावजूद लंबे समय से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की तरफ से रोड के चौड़ीकरण का काम शुरू न किए जाने से जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने एनएचएआई के सहायक अभियंता शांतनु कुमार व अवर अभियंता मुहम्मद नावेद को कार्यालय में तलब किया और जमकर फटकार लगाई.
मंगलवार को जिलाधिकारी ने दोनों इंजीनियर को कार्यालय तलब कर कार्य की प्रगति रिपोर्ट मांगी. जिसके बाद दोनो ही इंजीनियर जिलाधिकारी को संतुष्ट नहीं कर पाए और टालमटोल करने लगे. दोनो के इस रवैये को देखते हुए जिलाधिकारी काफी नाराज़ हो गए और जमकर फटकार लगाई, इतना ही नहीं जिला अधिकारी ने थाना सिविल लाइन को कॉल कर वहां से पुलिस बुला ली. महज 10 ही मिनट के अंदर थाना पुलिस जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच गई और डीएम के आदेश के बाद दोनो ही सहायक और अवर अभियंता को थाने ले आई.
एनएचएआई के दोनो ही अवर अभियंता और सहायक अभियंता के पकड़े जाने की खबर से विभाग में हड़कंप मच गया. जिसके बाद एनएचएआई के अधिकारी जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और बातचीत की. जिसके बाद थाना सिविल लाइन से दोनो ही अवर अभियंता और सहायक अभियंता को पुलिस ने एनएचएआई के अफसरों के सुपुर्द कर दिया.
क्या बोले जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ?
जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने बताया कि विभागीय स्तर पर लगातार लापरवाही के चलते दोनों इंजीनियरों को जल्द कार्य पूरा करने की चेतावनी दी गई है. दोनो ही इंजीनियर्स ने दो दिन में काम पूरा करने का आश्वासन दिया है. डीएम ने कहा की सरकार की मंशा के अनुरूप जनहित के किसी भी कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. दरअसल, मंगलवार को मुरादाबाद जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह अपने कार्यालय पर जिले में हो रहे विकास कार्यों की समीक्षा बैठक ले रहे थे.इसी दौरान उनके संज्ञान में आया की तीन माह पूर्व जिस सड़क चौड़ीकरण के कार्य को शुरू हो जाना चाहिए था. वह अभी तक शुरू नहीं हुआ है. उन्होंने संबंधित कार्य के इंजीनियरों से कार्य की समीक्षा रिपोर्ट मांगी तो वह कोई संतुष्ट जवाब नहीं दे सके.
जिससे नाराज़ जिलाधिकारी ने सिविल लाइन थाने की पुलिस को बुलाकर दोनो ही लापरवाह इंजीनियरों को थाने ले जाने का हुक्म दे दिया. कई घंटों बाद विभागीय अधिकारियों ने जिलाधिकारी से बातचीत की और आश्वासन दिया की जल्द ही सड़क निर्माण का कार्य शुरू करा दिया जाएगा जिसके बाद दोनों इंजीनियरों को थाने से छोड़ा गया.
ये भी पढ़ें: Exclusive: लोकसभा चुनाव में यूपी के इन 18 सांसदों के टिकट काट सकती है बीजेपी, देखें लिस्ट