मुरादाबाद में बाढ़ से हालात खराब, गांव में घुसा पानी-खेत बने तालाब, किसानों की फसलें हुई बर्बाद
UP News: मुरादाबाद में राम गंगा और कोसी नदी की का पानी दो दर्जन भर से अधिक गांवों में घुस जाने से किसानो की फसलें नष्ट हो रही हैं. वहीं बाढ़ की वजह से कई गांवों का संपर्क टूट गया है.
Moradabad News: मुरादाबाद में राम गंगा और कोसी नदी की का पानी दो दर्जन भर से अधिक गांवों में घुस जाने से किसानों की फसलें नष्ट हो रही हैं. बाढ़ का पानी रिहाइशी इलाकों में भी घुस आया है जिस से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बाढ़ खंड के अधिकारी कटाव को रोकने के लिए बंदे बना रहे हैं. कई जगह सड़कें भी टूट गयी हैं. बिजली घर में पानी जाने से विद्युत सप्लाई भी ठप हो गई है. ग्रामीण अंधेरे में रहने को मजबूर हैं. वहीं बाढ की वजह से कई गांवों का संपर्क टूट गया है.
मुरादाबाद में बाढ़ की वजह से किसानों की हजारों एकड़ फसल तबाह हो चुकी है. कई गांवों में तो घरों में पानी घुस चुका है. कच्चे मकान गिर रहे हैं तो कहीं मवेसी भूखे पेट खड़े हैं. जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ में घिरे गांवों में निगरानी और मदद के लिए तमाम टीमें गठित करने के दावे किए गए हैं. बाढ़ से जूझते गांव वालों का कहना है कि उनके पास कोई सरकारी अधिकारी आकर नहीं झांका है, एकाध गांव में जहां कोई सरकारी मुलाजिम पहुंचा भी तो बस दूर से बहते पानी को देख लौट गया. गांव वालों का कहना है कि मदद तो छोड़िए साहब ने गाड़ी से उतरकर गांव वालों से बात तक नहीं की यहाँ किसानो की धान और गन्ने की फसलें बर्बाद हो गयी हैं.
जान जोखिम में डालने को मजबूर हैं ग्रामीण
मूंढापांडे का गांव हिरनखेड़ा 4 दिन से बाढ़ की चपेट में है. हिरनखेड़ा से जैतपुरा और बिसाहट को जाने वाला लिंक रोड 4 दिन से डूबा हुआ है कोसी नदी का पानी लिंक रोड के ऊपर से बह रहा है. सड़क पर करीब 3 से 4 फीट तक पानी है. मुरादाबाद के मूंढापांडे, भोजपुर पीपलसाना, ठाकुरद्वारा, कुंदरकी में कई गांवों में बाढ़ का पानी घुसा है. जल भराव की आफत से लोग परेशान हैं, कहीं नाव चल रही तो कहीं बीमार और बच्चों को लेकर लोग जान जोखिम में डालकर पांच फिट पानी से गुजरने को मजबूर हैं.
प्रशासनिक अफसरों ने टीमें भेज कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एडीएम फाइनेंस सत्यम मिश्रा के नेतृत्व में राहत कार्य शुरू करवाया है. हिरनखेड़ा के रहने वाले ग्रामीण राजेन्द्र सिंह ने बताया लगभग 15 घर बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं. यहाँ बहुत नुकसान हुआ है कोई अधिकारी यहाँ नहीं पहुंचा हमारी धान और गन्ने की फसलें बर्बाद हो गयी हैं. पानी में फसलें डूब गयी हैं. हमें मुआवजा मिलना चाहिए.पानी उतरने पर बीमारियाँ फैलने का ख़तरा है इसलिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को यहाँ आकर देखना चाहिए.
क्या बोलें बाढ़ खंड अधिकारी?
मुरादाबाद के बाढ़ खंड अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि बाढ़ का पानी लो लाईन इलाकों में भर गया है. दो गांवों में नदी ने कटान शुरू किया है. हम कटान को रोकने के लिए काम कर रहे हैं. टूटी सड़कों को बनाने का काम लोक निर्माण विभाग करेगा. हम कटान को रोकने के लिए काम रह रहे हैं. पानी कम होने पर किनारे दिखाई देंगे. कल 78 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. आज घट कर 26 हजार क्यूसेक रह गया है. हर साल किसानो को इस समस्या का सामना करना पड़ता है इस से फसलों का बड़ा नुकसान होता है.
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