मुरादाबाद में तबला वादक अहमद जान थिरकवा की मूर्ति लगाने पर विवाद, विरोध में उतरे हिन्दू संगठन
Moradabad News: मुरादाबाद में पद्म भूषण से सम्मानित तबला वादक अहमद जान थिरकवा की मूर्ति लगाने का हिन्दू संगठनो ने विरोध किया, उन्होंने यहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगाने की मांग की.
Moradabad News: मुरादाबाद में पद्म भूषण से सम्मानित तबला वादक अहमद जान थिरकवा की मूर्ति लगाने को लेकर विवाद हो गया है. हिन्दू संगठनों ने तबला वादक की प्रतिमा लगाने का विरोध किया है. ये मूर्ति मुरादाबाद नगर निगम की ओर से लगवाई जा रही है, जैसे ही इसकी जानकारी हिन्दू संगठनों को लगी वो सैकड़ों की संख्या में मौके पर पहुंच गए और जमकर हंगामा किया. उन्होंने अहमद जान की जगह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगाए जाने की मांग की.
खबर के मुताबिक मुरादाबाद के सिविल लाइन क्षेत्र के रामगंगा विहार में तबला वादक अहमद जान थिरकवा की प्रतिमा लगाई जा रही थी, ये प्रतिमा मुरादाबाद-हरिद्वार स्टेट हाइवे स्थित तिराहे पर लगाई जा रही है. लेकिन, निगम के इस फैसले का विरोध शुरू हो गया है. हिन्दू संगठनों ने नगर निगम के इस फैसले का विरोध जताते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और इसे हटाने की मांग करने लगे.
हिन्दू संगठनो ने जताया विरोध
मुरादाबाद नगर निगम की ओर से तबला वादक अहमद जान थिरकवा की प्रतिमा लगवाने के साथ ही इस तिराहे का नाम भी उन्हें को समर्पित करने की योजना है लेकिन हिन्दू संगठनों को मुस्लिम तबला वादक की प्रतिमा और इस चौराहे के उनके नाम पर किए जाने से ऐतराज है. जिसके बाद हिन्दू संगठन और सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. उन्होंने मांग की इस चौराहे पर अहमद जान की जगह नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की मूर्ति लगनी चाहिए.
बता दें कि उस्ताद अहमद जान थिरकवा का संगीत दुनिया में बड़ा नाम है. उनका जन्म मुरादाबाद के संगीतज्ञों के परिवार में हुआ था. उन्हें संगीत विरासत में मिला था, घर पर ही उन्हें संगीत की शिक्षा-दीक्षा मिली, जिसके बाद वो मुंबई चले गए और उस्ताद मुनीर खान के शागिर्द बन गए. यहां उनकी देखरेख में उन्होंने 40 सालों तक अभ्यास किया. बाद में वो लंबे अरसे तक रामपुर दरबार में भी रहे. तबले पर थिरकती हुई उंगलियों की वजह से उन्हें थिरकवा कहा जाने लगा.
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