Uttarakhand UCC: उत्तराखंड में जल्द पेश होने वाली है UCC की रिपोर्ट, जमीयत उलेमा ए हिंद ने समिति पर उठाए सवाल
Moradabad News: जमीयत उलेमा ए हिंद ने समान नागरिक संहिता का विरोध किया है. कानूनी सलाहकार ने कहा कि देश में समानता की नहीं बल्कि एकता की जरूरत है. यूसीसी संविधान की मूल भावना के खिलाफ है.
UP News: उत्तराखंड समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने जा रहा है. पुष्कर सिंह धामी की सरकार यूसीसी विधेयक को मंजूरी दिलाने के लिए जल्द विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की तैयारी में है. सूत्रों के मुताबिक यूसीसी पर जस्टिस (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित कमेटी एक-दो दिन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ड्राफ्ट रिपोर्ट सौंप देगी. प्रस्तावित विधेयक में शादी, तलाक, उत्तराधिकार और गोद लेने जैसे मामलों का जिक्र है.
उत्तराखंड में UCC विधेयक जल्द बनेगा कानून
जमीयत उलेमा ए हिंद उत्तर प्रदेश ने समान नागरिक संहिता को कानून बनाने का विरोध किया है. जमीयत उलेमा ए हिंद के कानूनी सलाहकार मौलाना काब रशीदी ने कहा कि देश में समानता की नहीं बल्कि एकता की जरूरत है. उन्होंने समान नागरिक संहिता को संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया.
उन्होंने कहा कि जमीयत का संविधान के खिलाफ कानून का विरोध जारी रहेगा. मौलाना काब रशीदी ने समान नागरिक संहिता को आगामी लोकसभा चुनाव से पहले वोटों का धुर्वीकरण करने के लिए माहौल बनाने वाला राजनीतिक हथकंडा बताया.
समिति की रिपोर्ट पर जमीयत ने उठाए सवाल
उन्होंने यूसीसी की समिति में धर्मगुरु के शामिल नहीं होने पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि यूसीसी पर गठित समिति में सिर्फ रिटायर्ड अधिकारी और जज हैं. समिति में सदस्यों की बहाली कानून के मुताबिक नहीं हुई है. ऐसे में समिति की रिपोर्ट का कोई महत्व नहीं रह जाता है. 2018 में विशेषज्ञों की कमेटी भारत के लिए यूसीसी कानून की जरूरत को नकार चुकी है.
जमीयत के कानूनी सलाहकार ने कहा कि भारत विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों का देश है. भारत की खूबसूरती अनेकता में एकता है. इसलिए भारत को समानता नहीं बल्कि एकता की जरूरत है. यूसीसी संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. जमीयत उलेमा ए हिन्द का विरोध जारी रहेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी देश में भेदभाव का माहौल पैदा कर 2024 का लोकसभा चुनाव जीतना चाहती है.