Moradabad: यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर आरोप- प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. यूसीसी के मुद्दे पर मुरादाबाद (Moradabad) से सपा सांसद डॉ एस टी हसन (S. T. Hasan) भी मैदान में कूद पड़े हैं. उन्होंने बीएसपी सुप्रीमो मायावती (Mayawati) के यूसीसी का समर्थन करने पर कहा कि अब बीएसपी मुसलमानों (Muslims) का वोट किस मुंह से मांग सकती है, जब मुसलमानों को जरूरत होती है तो बीएसपी (BSP) अपनी पीठ दिखा देती है. सपा सांसद ने कहा जो मुसलमान कुरान और अल्लाह का कानून नहीं मानते वह इस्लाम छोड़ कर कहीं और चले जायें, इस्लाम को उनकी जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा मैं राजनीति करूं या न करूं अपने ईमान से नहीं हट सकता. मैं कभी भी यूसीसी का समर्थन नहीं करूंगा, मैं हर उस कानून का विरोध करूंगा जिस से हमारी धार्मिक आजादी को ठेस पहुंचती है, जिसमें कुरान पाक के बताये रास्ते पर चलने को गलत बताया गया हो और अपना नया कानून दे दिया गया हो. 


सपा नेता आजम खान के बयान का समर्थन करते हुए डॉ एस टी हसन ने कहा कि, सपा को आजम खान के बयान को गंभीरता से लेते हुए अपने अन्दर के दुश्मनों से सावधान हो जाना चाहिए. वह पार्टी के सीनियर नेता हैं और कोफाउंडर भी हैं उनके बयान को हल्के में नहीं लेना चाहिए. सूत्रों के मुताबिक आजम खान सपा के एक बड़े नेता को पार्टी से बाहर करने का दबाव अखिलेश यादव पर बना रहे हैं. इसीलिए आजम खान ने कल सपा का चोला पहन कर सपा को नुकसान पहुंचाने वाले, काले चेहरे वाले नेता को ठोकर मार कर पार्टी से बाहर करने की अखिलेश यादव से अपील की थी.


'मुसलमानों के मुद्दे पर बीएसपी ने हमेशा दिखाई पीठ'


मायावती द्वारा यूसीसी का समर्थन करने पर सांसद डॉ एस टी हसन ने कहा कि मैं एक मुसलमान होने की हैसियत से यूसीसी का विरोध कर रहा हूं. हमारी पार्टी सपा सब को साथ लेकर चलती है. सब के साथ इंसाफ करती है,  लेकिन बीएसपी ने सीएए, तीन तलाक कानून और धारा  370 हटने पर बीजेपी का समर्थन किया. बीजेपी अब मुसलमानों के धार्मिक मामलों और शरियत कानून में दखल देकर उसे बदलना चाहती है. अब अगर बीएसपी बीजेपी के साथ यूसीसी का समर्थन कर रही है, तो फिर मुसलमानों का वोट किस मुंह से मांग सकती है. वोट इन्हें मुसलमान का चाहिए और मुसलमान को जरूरत पड़े तो पीठ दिखा दीजिए. 


'बीजेपी के जुल्म के खिलाफ विपक्ष एकजुट- एस टी हसन


लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी के हराने के लिए विपक्ष के विपक्ष एकजुट होने लेकिन यूसीसी के मुद्दे पर बंटे होने के सवाल पर एस टी हसन ने कहा यूसीसी पर कुछ पार्टियां समर्थन में हैं, लेकिन इसका गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. किसी कानून के लिए समर्थन करना न करना अलग बात है लेकिन गठबंधन देश के कानून को और बीजेपी के जुल्म से देश को बचाने के लिए हो रहा है. हर पार्टी के अपने अपने एजेंडे और नजरिया है, उनके नेताओं के अपने ख्यालात है और उनके अपने अपने वोटर हैं उस हिसाब से वह समर्थन कर रहे हैं .


'अल्लाह और कुरआन को न मानने वाले इस्लाम छोड़ कर चले जाएं'


यूसीसी के मुद्दे पर विपक्षी दलों के बंटे होने की वजह सपा सांसद संबंधित दल का वोटरों का ट्रेंड देखकर समर्थन करने का दावा किया है. एस टी हसन ने कहा की हम तो मुसलमान होने के नाते यूसीसी का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो मुसलमान कुरान पाक के बताये रास्ते को गलत समझते हैं, अल्लाह के कानून को नहीं मानते हैं, विरासत के कानून नहीं मानते हैं और उसे गलत समझते हैं, कुरान का इंकार करते हैं तो वह इस्लाम को छोड़ कर कहीं और चले जाएं. इस्लाम को आपकी जरूरत नहीं है, आपको इस्लाम की जरूरत है. एस टी हसन ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा उन्हें ऐसा लगता है कि जो मुसलमान को ज्यादा सतायेगा या उनका दिल दुखायेगा, तो हिंदू वोटों का धुर्वीकरण हो जाएगा. हालांकि उनकी ये सोच मिथ्या है. 


'UCC के मुद्दे हिंदू और मुसलमान साथ'


एस टी हसन ने कहा कि बीजेपी ध्रुवीकरण की राजनीति करने के बावजूद उसे पूरे सिर्फ 34 फीसदी वोट मिले थे, जबकि विपक्षी दलों को 66 फीसदी वोट मिले थे. हिंदू भाई भी नफरत वाली राजनीति पसंद नहीं करते है. हिंदुओं के भी पर्सनल लॉ हैं, देश में विभिन्न प्रकार की संस्कृतियां हैं. उन्होंने कहा कि गोवा में अगर औरत को लड़का नहीं होता है तो पति को कानूनन दूसरी शादी की इजाजत है, हमारे देश में कानून में बहन को भाई से शादी करने की इजाजत है. हमारे ही देश में मामा को भतीजी से शादी करने की इजाजत है. आप क्या- क्या हटायेंगे? यूसीसी के मुद्दे पर हिंदू और मुसलमान हमारे साथ हैं. सपा सांसद एस टी हसन ने कहा कि आप देखेंगे कि हिंदू भाई ही इनका (बीजेपी) सफाया हिंदू भाई ही करेंगे. इस तरह के मुद्दों से हिंदू भाईयोंको रोजगार या विकास नहीं होने वाला है. नफरत पैदा कर सिंहासन हासिल करने वाली रीत पुरानी हो गई है, अब ये नहीं चलेगी.


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