संभल के बाद अब मुरादाबाद में भी नेजा मेले का विरोध, हिंदू संगठनों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
Moradabad News: एसडीएम बिलारी का कहना है कि नेजा मेला पहले से लगता चला आ रहा है लेकिन अभी तक कमेटी या प्रधान के द्वारा कोई भी आवेदन मेले की परमीशन के लिए नहीं दिया गया है.

UP News: संभल के बाद अब मुरादाबाद में भी नेजा मेले का विरोध शुरू हो गया है. हिन्दू संगठनों ने नेजा मेले पर रोक लगाने की मांग को लेकर एसडीएम को एक ज्ञापन सौंपा है. हिन्दू संगठन के लोगों ने सैय्यद सालार मसूद गाजी को आक्रांता बताते हुए उसके नाम से किसी भी आयोजन पर आपत्ति उठाई है.
थांवला गाँव के रहने वाले हिन्दू ओम प्रकाश और सरधन सिंह कहते हैं की यहाँ मेला लगता है तो हमें तो अच्छा ही लगता है अब सरकार की मर्ज़ी है वो जो चाहे कर सकती है हमें मेला लगने से कोई आपत्ति नहीं है बल्कि जब मेला लगता है तो हमारे यहाँ मेहमान भी आते हैं और हमें बहुत अच्छा लगता है. हम अपने बचपन से यह मेला देखते आ रहे हैं.
थांवला गाँव के मुस्लिम साजिद और परवेज़ आलम का कहना है की यह मेला 116-17 सालों से लगता आ रहा है यहाँ आसपास के 16-17 गाँवों के हिन्दू मुस्लिम सब इस मेले में आते हैं. इस गाँव के लोग उन सबका स्वागत करते हैं आसपास के किसान अपने खेतों की जगह मेला लगने के लिए मेले के समय खाली छोड़ देते हैं. सब लोग मेला देख कर चले जाते हैं यह मेला सभी के लिए होता है.
उन्होंने कहा कि यहाँ सैय्यद सालार मसूद गाजी की दरगाह है जहाँ यह मेला लगता है. हम सब गाँव के लोग यही चाहते हैं की जैसे मेला लगता चला आ रहा है वैसे ही लगना चाहिए यह तीन दिन मेला चलता है. अब जो अधिकारी इसे बंद कराने को बोल रहे हैं क्या पहले जो अधिकारी यहाँ रहे हैं किसी को इतिहास नहीं मालूम था. अब इन्हें ही सब इतिहास मालूम हैं यह सवाल है. एक हजार से अधिक वर्षों से यह नेजा मेला लगता आ रहा है. यहाँ हमेशा होली के बाद यह नेजा मेला लगता है. हम सब गाँव के लोग और ग्राम प्रधान मेले की इजाजत लेने के लिए लगे हुए हैं. हमें उम्मीद है की मेला जरूर लगेगा हर साल यहाँ मेला लगता है.
जबकि एसडीएम बिलारी का कहना है कि नेजा मेला पहले से लगता चला आ रहा है लेकिन अभी तक कमेटी या प्रधान के द्वारा कोई भी आवेदन मेले की परमीशन के लिए नहीं दिया गया है. जबकि लोगों को उम्मीद है कि उनके गांव में पूर्व से लगने वाला नेजा मेला जरूर लगेगा.
होली के बाद लगता है नेजा मेला
एसडीएम ने कहा की मुरादाबाद मंडल में एकरूपता बनी रहे और कोई कानून व्यवस्था की समस्या न खड़ी हो इसके लिए हमने पुलिस और एलआईयू से रिपोर्ट मांगी है. पड़ोस के जिले संभल में सैय्यद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर लगने वाले नेजा मेले पर वहां के पुलिस प्रशासन ने रोक लगा दी है. उसी क्रम में मुरादाबाद की तहसील बिलारी के गांव थांवला में बनी सैय्यद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर होली के बाद नेजा मेला लगता है, लेकिन उससे पहले ही हिंदू संगठनों ने मेले का विरोध करते हुए एक ज्ञापन एसडीएम को देकर गांव थांवला में लगने वाले नेजा मेले को बंद कराने की मांग की है.
सैकड़ों साल पुरानी है सैय्यद सालार मसूद गाजी की ये दरगाह
हिन्दू संगठनों ने सैय्यद सालार मसूद गाजी को आक्रांता बताते हुए उसके नाम से किसी भी तरह के आयोजन ना होने देने की मांग की है. जबकि गांव थांवला के रहने वाले मुस्लिम लोगों का कहना है कि सैय्यद सालार मसूद गाजी की ये दरगाह सैकड़ों साल पुरानी है तभी से नेजा मेला यहाँ लगता चला आ रहा हैं.
दरगाह के आसपास की जमीन पर खुले में खेल तमाशे, झूले, खाने पीने की दुकानें व खेल खिलौने की दुकानें लगती हैं, लोगों को भी मेले का इंतजार रहता है. गांव में किसी तरह का कोई विरोध नहीं है. सारा इंतजाम ग्राम प्रधान के हाथ में रहता है. उनको पूरी उम्मीद है कि मेला जरूर लगेगा.
गांव के मुस्लिमों द्वारा गांव थांवला की इस दरगाह को सैय्यद सालार मसूद गाजी की दरगाह के साथ-साथ उनके सिपेह सालार की भी बताई जा रही है. सैकड़ों साल पहले पड़ाव के बाद इस दरगाह को बनाया गया था. तभी से यहाँ भी नेजा मेला उर्स का आयोजन होता चला आ रहा है.
गांव प्रधान की तरफ से परमीशन के लिए कोई आवेदन नहीं मिला- एसडीएम
इस संबंध में बिलारी के एसडीएम विनय कुमार सिंह ने बताया की कि सनातन जागरण मंच व हिंदू संगठनों द्वारा एक ज्ञापन दिया गया जिसमें गांव थांवला में लगने वाले नेजा मेले पर रोक लगाने मांग की गई है. लेकिन नेजा मेला लगाने के लिए अभी तक कमेटी या गांव प्रधान की तरफ से परमीशन के लिए कोई आवेदन नहीं मिला है. हमने स्थानीय पुलिस और एल आई यू से इस सम्बन्ध में रिपोर्ट मांगी है कानून व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए पुलिस को निर्देशित किया गया है हम पूरे मुरादाबाद मंडल में कानून की एकरूपता के लिए काम करेंगे.
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