UP News: उत्तर प्रदेश में मदरसों की सर्वे (Madrasa Survey) रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि मुरादाबाद (Moradabad) जनपद में सबसे अधिक गैर-पंजीकृत मदरसों का संचालन हो रहा है. यहां 585 मदरसे बिना रजिस्ट्रेशन के पाए गए हैं. वहीं इसको लेकर भी राजनीति तेज हो गई है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) ने अवैध मदरसों पर बुलडोजर चलाने की बात कही है जबकि समाजवादी पार्टी सांसद डॉक्टर एस टी हसन ( S T Hasan) ने कहा कि सरकार को गैर-पंजीकृत मदरसों को मान्यता दे देनी चाहिए ताकि मदरसों में शिक्षा का स्तर ऊंचा हो सके. 


20 अक्टूबर तक शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट


मुरादाबाद जनपद में मदरसों के सर्वे काम पूरा हो चुका है. जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सभी मदरसा संचालकों ने सर्वे के फॉर्म भरने के बाद जिला मुख्यालय में जमा करा दिए हैं, मुरादाबाद जनपद में कुल 585 मदरसे बिना पंजीयन के पाए गए हैं. जिले में 859 मदरसे मान्यता प्राप्त हैं. उन्होंने बताया कि 20 अक्टूबर को शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी. उधर, जामिया नमिया मदरसे के मुफ़्ती अय्यूब खान नईम ने भी जनपद के मदरसा संचालकों से अपील की है कि जिन्होंने अभी तक अपने मदरसे का सर्वे नहीं कराया है, वे यह काम पूरा करा लें नहीं तो उन्हें आगे परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. 


सर्वे से जगी मदरसा संचालकों को यह आस


मुरादाबाद में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे के संचालक मौलाना मुहिब्बे अली नईमी ने कहा कि मदरसा चलाना और बच्चों को शिक्षा देना कोई अपराध नहीं है. यह समाज सेवा है. सरकार को चाहिए कि सभी गैर-पंजीकृत मदरसों को पंजीकृत कर उन्हें सरकारी सुविधाएं उपलब्ध कराएं जिससे मदरसों की शिक्षा का स्तर सुधर सके. उन्होंने आरोप लगाया कि मदरसों के पंजीकरण और मान्यता के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाते लगाते वह थक चुके हैं लेकिन अब उन्हें उम्मीद है कि सरकार के इस सर्वे के बाद उनके मदरसे को भी मान्यता मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि हर मदरसे का संचालक चाहता है कि उसके मदरसे को मान्यता मिले और सरकार से वह सभी सुविधाएं मिले जो अन्य स्कूलों को दी जाती हैं.


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