Moradabad Street food : मुरादाबादी बिरयानी का नाम सुनते ही नॉनवेज के शौकीन लोगों के मुंह में पानी आ जाता है, और अगर उन्हें बिरयानी खानी होती है, तो मुरादाबाद में पहली पसंद आलम बिरयानी की होती है. मुरादाबाद में आलम बिरयानी की शुरुआत लगभग 100 साल पहले हाजी अब्दुल गफ्फार ने की थी. ये ऐसा दौर था जब बहुत ही कम लोग नॉनवेज के साथ मिर्च, मसाले, दूध, दही से मिश्रित बिरयानी बनाने की विधि को जानते थे. हाजी अब्दुल गफ्फार मुरादाबाद में मशहूर खानसामा जहीर आलम के पिता थे. आगे चल कर यह बिरयानी जाहिर आलम के नाम से ही मशहूर हुई और देखते ही देखते मुरादाबाद की आलम बिरयानी ब्रांड बन गयी हैं.
मुरादाबाद ही नही बल्कि दिल्ली लखनऊ से लेकर देश के हर बड़े शहर में मुरादाबादी आलम बिरयानी आपको खाने को मिल जाएगी. दिल्ली और पंजाब के बासमती चावल, नींबू का रस, प्याज, हरी मिर्च, अदरक, लहसुन, जीरा, लौंग, काली मिर्च, बादयान फूल, नमक और तेल से तैयार होने वाली लज़ीज़ आलम बिरयानी की खुशबू दुबई, कतर, ओमान और सऊदी अरब तक में महक रही है.
विदेशों में भी इसके शौकीन
आलम बिरयानी के संचालक आलम की माने तो उनका ये पुश्तैनी काम है, लगभग 100 साल पहले उनके पिता हाजी अब्दुल गफ्फार ने मुरादाबाद में बिरयानी की शुरुआत की थी. जिसके बाद उनकी इस विरासत को वह आजतक बरकरार रखे हुए हैं. उन्होंने बताया की उनके यहां उम्दा चावल मीट और मसालों से बिरयानी तैयार की जाती है, वह बिरयानी बनाने में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करते हैं, साबुत मसालों से यह बिरयानी तैयार की जाती है. बिरयानी बनाने का यह 100 साल पुराना फार्मूला है. जिससे वह बिरयानी तैयार करते हैं, उन्होंने बताया की उनके नाम से मुरादाबाद और उसके आसपास के जिलों में ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों में दुकानें संचालित हैं मुरादाबादी आलम बिरयानी के शौकीन मुरादाबाद में ही नहीं बल्कि देश विदेश जैसे सऊदी अरब, दुबई, ओमान, कतर जैसे देशों में भी मौजूद हैं.
100 साल पहले हुई शुरुआत
आलम बिरयानी के संचालक ज़हीर आलम बताते हैं, कि लगभग सौ साल पहले उनके पिता हाजी अब्दुल गफ्फार ने मुरादाबाद में बिरयानी की शुरुआत की थी. लेकिन लगभग 35 साल पहले उनकी ये बिरयानी आलम बिरयानी के नाम से मशहूर हुई, और अब उनके शहर मुरादाबाद में ही तीन बिरयानी के होटल संचालित हैं. उन्होंने कहा की अल्लाह ने उनकी बिरयानी में ये स्वाद दिया है की देश के कई राज्यों में उनके नाम से दुकानें संचालित हो रही हैं. लोग उनके नाम से फायदा उठा रहे हैं. ज़हीर आलम बताते हैं की 100 साल पहले उनके पिता जी जिस विधि से बिरयानी तैयार करते थे. आज भी वही तरीका इस्तेमाल हो रहा है, इसे बनाने में साबुत मसाले लौंग, काली मिर्च, जायफल, जावित्री, जीरा, अदरक, लहसुन, प्याज, सौंफ, धनिया के साथ दूध, दही और नींबू के रस का इस्तेमाल किया जाता है. जिससे बिरयानी लजीज और जायकेदार बन जाती है.
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