Moradabad Street food : उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में सन् 1891 से बाबूराम की दाल, जलेबी इतनी प्रसिद्ध है की इस परिवार की अब चौथी पीढ़ी इस काम को कर रही है और दूर दूर से लोग यहाँ नाश्ते में दाल जलेबी खाने के लिए आते हैं. अगर आप भी स्वादिष्ट व्यंजनों के शौकीन हैं और मुरादाबाद कभी आपका जाना हो तो यहाँ पुराने शहर में अमरोहा गेट के पास बर्तन बाज़ार में बाबू राम की दाल जलेबी का ज़ायका लें.
यहाँ सुबह सवेरे 6 बजे से देशी घी में बनी मूंग की दाल और जलेबी मिलती यह मुरादाबाद की स्पेशल डिश है जो कोई भी मुरादाबाद आता है और उसने इस डिश का ज़ायका नहीं लिया तो कुछ नहीं खाया. इसके जायके की खास बात यह है की इस में मूंग की दाल खुशबू के साथ गरमा गरम जलेबी की मिठास नमकीन और मीठे का मिश्रण मुंह में रखते ही लाजवाब स्वाद महसूस होता है, और सुनकर ही मुंह में पानी आने लगता है.
1891 में इसकी शुरुआत बाबूराम गुप्ता ने की थी. और अब तक 133 साल हो चुके हैं, उनके परिवार की तीन पीढ़ियाँ गुज़र चुकी हैं.चौथी पीढ़ी में अब उनके पौत्र अतुल गुप्ता इस दुकान को संभाल रहे हैं. सुबह सवेरे मूंग की दाल और जलेबी तैयार हो जाती है. और दस बजे तक सब बिक जाती है. लोग सुबह नाश्ते में यहाँ दाल जलेबी खाने आते हैं. दस बजे के बाद यहां बाकी की मिठाईयां और जलेबी दिन भर बिकती है.लेकिन मूंग की दाल अगर आपको खानी है, तो सुबह दस बजे से पहले यहाँ पहुँच जाएँ. यहां सुबह के वक्त दूर दराज से लोग मूंग की दाल और जलेबी खाने आते हैं. हालांकि यहां देसी घी से बनी अन्य मिठाइयां भी बहुत स्वादिष्ट होती हैं.
जलेबी के अलावा अन्य मिठाईयां भी जायकेदार
बाबूराम मिष्ठान भंडार पर स्वादिष्ट जलेबी के अलावा देसी घी से बनी इमरती, गाजर का हलवा, मूंग की दाल का हलवा और खांडवी भी बहुत जायकेदार होती है. बाबूराम मिष्ठान भंडार पर मौजूद प्रबंधक महेंद्र सिंह प्रजापति ने बताया की यहां पर दूर दराज से लोग मूंग की दाल, जलेबी खाने आते हैं. इसके अलावा यहां सोन पापड़ी, नवरत्न लड्डू, बालूशाही और मूंग की दाल के लड्डू भी खरीदने लोग आते हैं. उन्होंने बताया की बटर का तरबूज और अंडा भी यहां का बहुत फेमस है.
विदेशों में भी दिवाने दाल, जलेबी के
मूंग की दाल और जलेबी के मुरादाबाद के लोग ही कायल नहीं बल्कि विदेशी मेहमान भी इसके स्वाद के दीवाने हैं. उत्तर भारतीय व्यंजनों में मुरादाबाद की दाल भी अपना अलग ही महत्व रखती है. यह दाल जलेबी जितनी खाने में स्वादिष्ट होती है उतनी ही पौष्टिक भी है. यही वजह है की मुरादाबाद की बर्थडे पार्टी हो या विवाह कार्यक्रम मूंग की दाल के बगैर अधूरे माने जाते हैं आम तौर पर इसे नाश्ते या स्टार्टर के तौर पर सर्व किया जाता है.
मुरादाबाद में मूंग की दाल की इतनी मांग है कि 300 से ज्यादा ठेले और दुकानों पर मूंग की दाल आपको बिकती हुई मिल जाएगी इसे पीतल के परात में धीमी आंच पर रखा जाता है और धीमी आँच पर तैयार होने वाली खुरचन दाल के साथ वैसे ही स्वाद देती है जैसे लस्सी के साथ मलाई. इस दाल में मक्खन, भुना जीरा, अदरक, काला नमक, चाट मसाला, धनिया, भुनी मिर्च, हरी मिर्च और नींबू डाला जाता है. दाल के साथ में गर्म गर्म जलेबी इसके जायके को चार गुना बढ़ा देती है.
ये भी पढ़ें: Uttarakhand News: जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज का सीएम धामी ने जाना हाल, देहरादून के अस्पताल में हैं भर्ती