UP News: दिल्ली की मस्जिदों को रेलवे द्वारा दिए नोटिस पर एसटी हसन ने उठाए सवाल, जानें- क्या बोले सपा सांसद
ST Hasan on Railway Notice: रेलवे द्वारा दिल्ली की दो मस्जिदों को जारी नोटिस पर सपा सांसद एसटी हसन ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा वे इबादत गाहों को उजाड़ तक क्या दिखाना चाहते हैं.
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Moradabad News: राजधानी दिल्ली (Delhi) में रेलवे (Delhi) ने दो बड़ी मस्जिदों से अतिक्रमण हटाने को लेकर नोटिस जारी किया. रेलवे द्वारा शनिवार (22 जुलाई) को जारी नोटिस में कहा गया कि रेल लाइनों पर मौजूद तकिया बब्बर शाह मस्जिद (Takia Babbar Shah Mosque) और बंगाली मार्केट मस्जिद (Bengali Market Mosque) को 15 दिनों के अंदर हटा दिया जाना चाहिए. इसको लेकर सियासी गलियारों में मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है. मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के लोकसभा सांसद एसटी हसन (ST Hasan) का इस मुद्दे पर बड़ा बयान आया है.
सपा सांसद एसटी हसन ने रेलवे प्रशासनिक अधिकारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि पता नहीं कौन और कहां से आ गए हैं. उन्होंने अधिकारियों की आलोचना करते हुए कहा कि लगता है कि किसी माफिया या भूमाफिया से आए हैं. हल्द्वानी में भी इन्होंने इसी तरह नोटिस दिए थे. वहां भी दो सौ साल पुराने मजार दरगाह थे. सपा सांसद ने कहा कि पता नहीं ऐसे नोटिस क्यों दे रहे हैं. इबादत गाहों को उजाड़ कर और लोगों को उजाड़ कर क्या दिखाना चाहते हैं., इंसानों को क्यों सुकून से नहीं रहने दे रहे हैं.
सपा सांसद ने रेलवे के दावे पर खड़े किये सवाल
मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक रेलवे ने नोटिस जारी कर दावा किया है कि ये मस्जिदें रेलवे की जमीन पर बनी हैं. रेलवे के दावे के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सांसद एसटी हसन ने कहा कि भारत में रेलवे 1885 से है. जबकि दिल्ली वहां पर दो सौ से तीन सौ साल पुराने मंदिर भी हैं और मस्जिद भी हैं. इतना ही नहीं यहां लोग भी रह रहे हैं. ऐसे में रेलवे द्वारा जारी नोटिस कई सवाल खड़े करता है.
ज्ञानवापी मस्जिद पर कोर्ट के फैसले पर एसटी हसन ने क्या कहा?
वाराणसी कोर्ट ने हिंदू पक्ष द्वारा दाखिल ज्ञानवापी मस्जिद का वैज्ञानिक सर्वे के निर्देश देने वाली याचिका पर शुक्रवार (21 जुलाई) को अपना फैसला सुनाया. इस फैसले में कोर्ट ने वजूखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का पुरातात्विक और वैज्ञानिक सर्वे कराने के आदेश दिये हैं. हालांकि मुस्लिम पक्ष ने कहा कि वो आदेश पढ़ने के बाद हाई कोर्ट का रुख करेंगे. ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एसटी हसन ने कहा कि कोर्ट का जो फैसला है, उससे बड़ा कोई फैसला नहीं होता है वह मान्य होता. आचार्य प्रमोद किशन के ट्वीट पर एसटी हसन ने कहा कि समाजवादी पार्टी एक बहुत बड़ा समंदर है, जब राजनीति में इलेक्शन आते हैं. लोग चलती ट्रेन की तरह चढ़ते-उतरते रहते हैं.
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