Moradabad News:  यूपी के मुरादाबाद में एसडीएम बिलारी (SDM Bilari) पर आरोप लगा है कि उन्होंने एक फर्नीचर कारोबारी से 2.68 लाख का फर्नीचर खरीदा और जब उसने पैसे मांगे तो एसडीएम ने उसके घर में अवैध निर्माण बताते हुए नोटिस भेज दिया और बुलडोजर (Bulldozer) से घर को तोड़ना शुरू कर दिया. इसके बाद फर्नीचर कारोबारी ने मुरादाबाद के मण्डल आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह से शिकायत की और उन्होंने तत्काल इस कार्रवाई को रोका. एसडीएम बिलारी के खिलाफ जिलाअधिकारी ने जांच कर कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं. वहीं कारोबारी ने फर्नीचर खरीदते हुए घटना की सीसीटीवी फुटेज भी दे दी है. 


कारोबारी का बिलारी एसडीएम पर आरोप
मुरादाबाद जनपद की बिलारी में तैनात एसडीएम घनश्याम वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने फर्नीचर कारोबारी जाहिद अहमद के घर पर इसलिए बुल्डोजर चलवा दिया, क्योंकि कारोबारी से एसडीएम ने लगभग पौने तीन लाख रुपये का फर्नीचर अपने और अपनी बेटी अलका वर्मा जो हरदोई की डिपटी जेलर हैं उनके घर के लिए लिया था. लेकिन जब कारोबारी ने एसडीएम से बिल के पैसे मांगे तो उन्होंने अपनी पावर का गलत इस्तेमाल करते हुए कारोबारी के घर पर ही बुलडोज़र चला दिया. 


जिलाधिकारी ने दिए मामले की जांच के आदेश


इस खबर के सामने आने के बाद हड़कंप मच गया. कारोबारी ने मुरादाबाद कमिश्नर इसकी शिकायत कर दी. पीड़ित ने कहा कि अगर उन्होंने प्रशासन से न्याय नहीं मिलेगा तो वो कोर्ट की शरण में जाने के मजबूर होंगे. डीएम ने भी इस पूरे मामले की शिकायत किए जाने की बात मानी है और कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है. शिकायत सच भी हो सकती है लेकिन एसडीएम के मुताबिक फर्नीचर कारोबारी ने तालाब की ज़मीन पर कब्ज़ा कर अवैध निर्माण कराया था इसलिए बुलडोज़र भेजकर उसे तुड़वाया गया है.


जानिए क्या लगा है आरोप


उधर पीड़ित का आरोप है कि 29  जनवरी 2022 को एसडीएम घनश्याम वर्मा ने 1 लाख 19 हजार 770 रुपये का अपने घर के लिए फर्नीचर खरीदा. इसके बाद 5 जुलाई 2022 को उन्होंने हरदोई की डिप्टी जेलर अपनी बेटी अलका वर्मा के लिए 1 लाख 48 हजार 154 रुपये का फर्नीचर मंगवाया. जो हरदोई तक भिजवाया गया था. लेकिन जब उन्होंने फर्नीचर के पैसे मांगे तो 7 जुलाई 2022 को एसडीएम ने उनके खिलाफ एक नोटिस भेज कर 10 जुलाई तक अतिक्रमण खुद हटा लेने का आदेश दिया. 


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एसडीएम की ओर से दी गई ये दलील


एसडीएम ने अपने नोटिस का आधार 9 अप्रैल 2022 को I. G. R. S. पोर्टल पर ऑनलाइन प्राप्त हुई एक शिकायत के बाद कराई जांच को बताया है. लेकिन पीड़ित का कहना है कि पैसे मांगने की वजह से ये कार्रवाई करवाई गई. उन्होंने कहा कि उनके पास फर्नीचर खरीदने का सीसीटीवी फुटेज भी मौजूद है. 


वहीं इस मामले में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि एडीएम प्रशासन को मामले की जांच दी गयी है. इसमें यह बात भी सामने आई है कि खरीदे गये सामान का भुगतान नहीं किया गया है और दूसरी बात यह भी सामने आई है की जिस फर्नीचर कारोबारी ने शिकायत की है उसने तालाब की ज़मीन पर अतिक्रमण किया हुआ है. शिकायत के दोनों पहलुओं को देखा जायेगा दोनों ही बातों को देखा जायेगा और तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. 


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