Moradabad: कारोबारी ने फर्नीचर खरीदने के बाद मांगी पेमेंट तो SDM ने शोरूम तोड़ने भेजा बुलडोजर, जांच के बाद सस्पेंड
मुरादाबाद में फर्नीचर खरीदने के बाद कारोबारी को पैसा देने की जगह उनके शोरूम पर बुलडोजर भेजने के मामले में एसडीएम को सस्पेंड कर दिया गया है.
UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने मुरादाबाद (Moradabad) के कमिश्नर आन्जनेय कुमार सिंह की रिपोर्ट पर एसडीएम घनश्याम वर्मा (SDM Ghanshyam Verma) को सस्पेंड कर दिया है. घनश्याम वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने फर्नीचर खरीदने के बाद पेमेंट मांगे जाने पर कारोबारी के घर बुलडोजर चलवा दिया था. कारोबारी ने इसकी शिकयत मुरादाबाद के कमिश्नर आन्जनेय कुमार सिंह से 10 जुलाई को की थी जिसपर कमिश्नर के आदेश पर एडीएम सुरेंद्र सिंह ने मामले की जांच की थी.
ढाई लाख से अधिक का सामान खरीदा और भेज दिया बुलडोजर
मुरादाबाद के बिलारी तहसील के तत्कालीन एसडीएम घनश्याम वर्मा पर आरोप लगा था कि उन्होंने एक फर्नीचर कारोबारी के शोरूम से 2.67 लाख रुपए का फर्नीचर लिया था. जब फर्नीचर कारोबारी ने एसडीएम बिलारी से पेमेंट मांगा तो उन्होंने शोरूम और घर को अवैध बताते हुए तोड़ने के लिए बुलडोजर भेज दिया था. एसडीएम को मंगलवार शाम को सस्पेंड कर दिया गया. एसडीएम को निलंबित किए जाने पर फर्नीचर कारोबारी जावेद हसन ने मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर और सीएम योगी आदित्यनाथ का आभार जताया है,
नगर पालिका के अधिकार क्षेत्र में दखल
जांच रिपोर्ट के मुताबिक जिस फर्नीचर कारोबारी के घर पर एसडीएम ने बुलडोजर चलवाया था, वो बिलारी नगर पालिका क्षेत्र में आता है. जांच रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि बिलारी पालिका क्षेत्र में एसडीएम को कब्जा हटवाने के लिए बुलडोजर चलवाने की शक्ति नहीं थी, यह शक्ति नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को है, लेकिन फर्नीचर कारोबारी के पैसे मांगने से नाराज़ एसडीएम ने कारोबारी को सबक सिखाने के लिए बिलारी पालिका की नियमावली को नज़रअंदाज़ कर सीधे नोटिस दिया और बाद में उसके घर बुलडोजर भी चलवा दिया. जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि बिलारी ईओ का चार्ज भी एसडीएम घनश्याम वर्मा के पास ही था, लेकिन इसी दौरान उन्होंने नोटिस और ध्वस्तीकरण का ऑर्डर बतौर एसडीएम बिलारी के हस्ताक्षर से जारी किया था, जो अवैध था.
एसडीएम की जिम्मेदारी थी कि वह तालाब की भूमि से काश्तकार का नाम खारिज करके उसे सरकार के नाम दर्ज करते, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. शिकायत करने वाले फर्नीचर कारोबारी जाहिद हसन ने भी तालाब की 19.25 वर्ग मीटर भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है., एसडीएम ने यह कब्जा 84 वर्ग मीटर भूमि पर बताया था जबकि तालाब की जिस भूमि पर फर्नीचर कारोबारी का कब्जा है. वह अभी तक श्रेणी तीन में काश्तकार के नाम पर ही दर्ज है. यह एसडीएम की लापरवाही है कि उन्होंने तालाब की भूमि से काश्तकार का नाम कभी खारिज ही नहीं किया था.
फरियादियों को खदेड़ते भी दिखे थे एसडीएम
जांच अधिकारी एडीएम प्रशासन सुरेंद्र सिंह को जब एसडीएम बिलारी पर लगे आरोपों की जांच सौंपी गई थी, तब एडीएम ने एसडीएम को फोन करके कहा था कि मामले में जांच पूरी होने तक कोई एक्शन न लें, लेकिन एडीएम के मना करने के बावजूद एसडीएम ने 12 जुलाई को फर्नीचार कारोबारी के परिसर पर बुलडोजर चलवा दिया था. इससे पहले भी एसडीएम घनश्याम वर्मा अपने आवास पर आए फरयादियों को हाथ में डंडा लेकर गाली देकर दौड़ाते हुए नजर आए थे.
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