UP Politics: मुरादाबाद में सांसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY) जमीन पर आदर्श साबित होने से बहुत दूर दिखाई दे रही है. सपा सांसद डॉ एसटी हसन ने पिछले तीन वर्षों में लोकसभा क्षेत्र के तीन गांवों सिरसवां गौड़, सराय खजूर, कोरवाकु को गोद लिया था. शहर से 15 किलोमीटर की दूरी पर हाईवे किनारे बसे सिरसवां गौड़ गांव की हकीकत एबीपी न्यूज की पड़ताल में खुलकर सामने आ गई. गांव में कूड़ों का ढेर लगा हुआ है. बारिश की वजह से गड्ढों में जलजमाव है. ग्रामीणों का आरोप है कि गांव का विकास आसपास के लिए प्रेरणा नहीं बन सका.


आदर्श ग्राम योजना पर सवाल खड़े कर गए सपा सांसद


आदर्श घोषित सिरसवां गौड़ गांव में रोजगार के लिए योजना की भी शुरुआत नहीं हुई. आजीविका का बेहतर अवसर, स्कूल, लाइब्रेरी, खेल का मैदान और किसानों को ड्रिप इरिगेशन की सुविधा नहीं मिली. उन्होंने कहा कि होना तो चाहिए था कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत सिरसवां गौड़ गांव मिसाल बनता. ग्रामीणों ने माना कि मूलभूत सुविधाओं के नाम पर सोलर लाइटें लगवा दी गई हैं. प्यास बुझाने के लिए पियाऊ की भी व्यवस्था सांसद निधि से की गई है.


एबीपी न्यूज की पड़ताल में गोद लिए गांव की खुली पोल


मुरादाबाद सांसद डॉ एसटी हसन एबीपी न्यूज के सवालों का जवाब दिया. उन्होंने सच्चाई को स्वीकार करते हुए सांसद आदर्श ग्राम योजना को छलावा बताया. सपा सांसद ने कहा कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के नाम पर लोगों को धोखा दिया गया. उन्होंने कहा कि सबसे पहले 2019 में सिरसवां गौड़ गांव को गोद लिया था. गांव को सांसद आदर्श ग्राम योजना का फायदा नहीं मिल सका. सिरसवां गौड़ के बाद दो और गांवों राय खजूर, कोरवाकु को गोद लिया.




सरकार ने गोद लिये जाने वाले गांवों की लिस्ट मांगी थी. खानापूर्ति करने के लिए नामों की सूची सरकार को भेज दी. उन्होंने कहा कि अधिकारियों से पत्र लिख कर पहले गोद लिए गांवों के विकास कार्यो की जानकारी मांगने पर भी अभी तक नहीं मिली. उन्होंने दावा किया कि सांसद आदर्श ग्राम योजना की धनराशि नहीं दी गई. कोरोना के नाम पर दो साल की सांसद निधि को सरकार ने रोक लिया. ऐसे में सांसद आदर्श गांव के लिए विकास का काम कैसे करे?


लोकसभा क्षेत्र में जरूरी काम सांसद निधि की राशि से कराए गए. लेकिन गोद लिए गांवों को अलग से कोई फायदा नहीं मिला. अब सरकारी तंत्र की खानापूर्ति कहें या सांसद की लापरवाही सच्चाई है कि गोद लिए गांव अभी तक आदर्श मॉडल के रूप में विकसित नहीं सके. उन्होंने आदर्श ग्राम योजना को छलावा बताते हुए जिम्मेदारी तय करने की मांग की. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धूमधाम से सांसद आदर्श ग्राम योजना की 11 अक्तूबर 2014 में शुरुआत की थी.




योजना के तहत हर सांसद को अपनी लोकसभा में एक गांव को गोद लेना था. गांव को गोद लेने की मंशा बुनियादी सुविधाओं के साथ खेती, पशुपालन, कुटीर उद्योग, रोजगार पर जोर दिया जाना था. सांसद आदर्श ग्राम योजना पर अब मुरादाबाद के सांसद ने सवाल उठाए हैं.


तीन गांवों को गोद ले चुके सांसद स्वीकार कर रहे हैं कि योजना जनता के साथ छलावा है. उन्होंने आरोप लगाया कि योजना मद में सरकार की तरफ से से फंड नहीं मिला. इसलिये गांवों का विकास कैसे कराते? सपा सांसद ने गोद लिए गांवों का विकास करने से पल्ला झाड़ लिया है. बीजेपी सरकार पर ठीकरा फोड़कर क्या विपक्षी सांसद लोकसभा चुनाव के लिए मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं? 


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