Uttar Pradesh News: यूपी में मुरादाबाद (Moradabad) की बिलारी थाना पुलिस ने मेडिकल कम्पनी के कर्मचारियों के साथ हुई 3 लाख रुपए की लूट का खुलासा कर दिया है. कंपनी में काम करने वाले एक कर्मचारी ने ही अपने साथियों के साथ मिल कर लूट की साजिश रची थी. बिलारी थाना पुलिस ने इस फर्जी लूट की घटना का खुलासा करते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है. आरोपियों के पास से 2 लाख 40 हजार रुपए की नकदी भी बरामद की गई है. लूट की यह घटना मुरादाबाद के बिलारी थाना क्षेत्र में एक अप्रैल शनिवार की देर रात हुई थी.
चंदौसी निवासी बीके मेहरोत्रा एंड संस फर्म के मालिक ने शनिवार को बिलारी थाना पुलिस में दी तहरीर में बताया था कि उनकी दवा फर्म में काम करने वाले कर्मचारी मुकेश और रमेश रात करीब 9 बजे मेडिकल संचालकों से पैसे कलेक्शन करके चंदोसी लौट रहे थे. रास्ते में विजयपुर मोड़ के सामने दो अज्ञात बाइक सवार बदमाशों ने कर्मचारियों की बाइक में टक्कर मार दी थी, जिससे दोनों कर्मचारी गिर गए और बाइक सवार दोनों बदमाश कर्मचारियों से 3 लाख रुपए से भरा बैग छीन कर फरार हो गए.पुलिस ने फर्म मालिक की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी थी.
आरोपी ने क्या बताया
आरोपी कर्मचारी मुकेश ने बताया कि वह मेडिकल स्टोरों पर दवाइयां पहुंचाने के बाद रकम चंदौसी दवा फर्म में ले जाकर देता था. आर्थिक तंगी के कारण परेशान था. उसने अरुण और देव कुमार के साथ किसी भी घटना को दिखा कर रकम हड़पने का प्लान बनाया था. प्लान के अनुसार आरोपी कर्मचारी मुकेश कलेक्शन के पैसे लेकर जब बिलारी क्षेत्र विजयपुर मोड़ के सामने पहुंचा तो उसने अपने साथी अरुण और देव कुमार से फोन पर रकम लूटने की वारदात को अंजाम देने को कहा. दोनों आरोपी अरुण और देव कुमार पीछे से आ गए और मुकेश की बाइक में लात मारकर उन्हें गिरा कर रकम से भरा बैग लेकर फरार हो गए. दवा फर्म में काम करने वाले मुकेश ने बताया कि उन्होंने एक साथ पढ़ाई की है इसलिए तीनों गहरे दोस्त हैं. आर्थिक तंगी के कारण पैसों की काफी कमी थी इसलिए इस फर्जी लूट की साजिश रची थी.
एसपी ने क्या बताया
एसपी ग्रामीण संदीप कुमार मीना ने बताया जांच पड़ताल के दौरान आरोपी कर्मचारी मुकेश पर शक हुआ क्योंकि मुकेश ने घटना के बाद किसी को कॉल किया था और फोन से नम्बर डिलीट कर दिया था. जांच के दौरान सामने आया कि वह नंबर अरुण का था, जिसके बाद पूछताछ के लिए आरोपी मुकेश को बुलाया गया. पूछताछ के दौरान मुकेश ने षड्यंत्र रच कर फर्जी लूट की घटना करना कबूल किया. सीडीआर के माध्यम से कॉल डिटेल निकाली गईं तो पता चला कि उसने पहले एक नम्बर डिलीट कर दिया था. बाद में मालिक को फोन लगाया था. पूछताछ के दौरान उसने अपना जुर्म कबूला है और फर्जी लूट की बात कही हैं. फर्जी लूट के मामले में पुलिस ने मुकेश पुत्र रामकिशोर निवासी खुर्जा गेट थाना चंदौसी, अरुण जाटव पुत्र रामबाबू निवासी पतरौआ थाना चंदौसी, देव कुमार पुत्र अजय निवासी संजय कॉलोनी खुर्जा गेट थाना चंदौसी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.