पीलीभीत, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में डेंगू के कहर से दहशत फैली हुई है। जानलेवा डेंगू अबतक करीब 30 से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। डेंगू से बड़ी संख्या में लोगों की मौत से जिला प्रशासन में भी हड़कंप मच गया है। जिसके चलते डीएम ने सख्ती दिखाते हुए एसडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट को शहर में फॉगिंग कराने सहित जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के आदेश दिए है।


लोगों की मानें, जिले में मौतें डेंगू वायरल के कारण हुई हैं। यहां तक की थाने के इंस्पेक्टर भी डेंगू का शिकार हो गए हैं। जिसके बाद दारोगा ने  डेंगू के डर से थाने में नगर पालिका से दवा का छिड़काव कराया। डेंगू के कहर के चलते पीलीभीत के विधायक ने भी डेंगू पीड़ित मृतकों के घर जाकर उन्हें मदद का भरोसा दिलाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल की है, लेकिन इसके रोकथाम की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है ।


जिला अस्पताल में इन दिनों मरीजो की संख्या दिन व दिन बढ़ती जा रही है। जिला अस्पताल में लगी लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं। ऐसे में जिला अस्पताल में मरीजों के लिए डेंगू वार्ड भी बनाया गया है, जो पूरी तरह से मरीजों से खचाखच भरा हुआ है। जिला प्रशासन का डेंगू से निपटने का दावा और लगातार संक्रामक रोगों व महामारी के चलते हो रही मौतों के आगे जिला प्रशासन की सारी व्यवस्थाएं फेल नजर आ रही हैं । फिर चाहें सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर मरीजों के तीमारदारों से एम्बुलेंस की सफाई कराना ही क्यों ना हो या फिर मरीजों को इलाज के लिए एम्बुलेंस की सुविधा का ना मिलना ।



डीएम वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि पूरा जिले डेंगू के प्रकोप से डरा हुआ है। डेंगू से निपटने के लिए एसडीएम व मजिस्ट्रेट को नगर पालिका द्वारा फॉगिंग व स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ जगहों पर नगर पालिका प्रशासन की सफाई व्यवस्था व दवाई छिड़काव में कमियां देखी गई हैं, जिसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है। जिसके बाद  शासन टीम द्वारा लापरवाही करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई भी की जाएगी ।


वहीं, सीएमओ सीमा अग्रवाल का कहना है कि पूरे जिले में हुई मौतें सिर्फ डेंगू की वजह से नहीं हुई हैं। उनका कहा है कि हमारे यहां सभी मरीजों की जांच कराई जा रही है, लेकिन डेंगू से किसी की मौत नहीं हुई है। इनमें टायफायड, मल्टीपल आर्गन डैमेज व कैसर की  वजह से भी मौतें हुई हैं। सभी के ब्लड सैंपल की जांच कराई जा रही है। समाजसेवी प्रदीप सोनकर का कहना है कि जिला प्रशासन के लापरवाही के चलते शहर में डेंगू से अब 35 से ज्यादा मौतें हो चुकी है । उनका कहना है कि जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर ध्यान देने की जरूरत है ।


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