Coronavirus: जेलों में बंद कैदियों ने पेश की मिसाल, 10 दिन बनाए डेढ़ लाख मास्क
कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रदेश की जेलों में 10 दिनों में लगभग डेढ़ लाख मास्क बनाए गए हैं। डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया कि यूपी की 63 जेलों में मास्क बनाने का काम तेजी से चल रहा है।

लखनऊ, संतोष शर्मा। आज जब देश और दुनिया कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए घरों में बंद बैठी है और सड़क पर निकलने के लिए जरूरी मास्क व सेनेटाइजर की कमी पड़ गई है, ऐसे बिगड़े हालात में उत्तर प्रदेश की जेलों से राहत भरी खबर आई है। उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों ने अपने साथ-साथ अब आम लोगों की जिंदगी को भी सुरक्षित करने का बीड़ा उठाया है और सस्ते में मास्क बनाए जा रहे हैं।
कोरोना जैसी महामारी से बचने के लिए जहां सोशल डिस्टेंसिंग बेहद जरूरी है तो वहीं दूसरी ओर मास्क और सेनिटाइजर की बढ़ती मांग के बीच उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों ने इस आपदा के बीच देश सेवा की अनूठी मिसाल पेश की है।
उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद एक लाख 300 कैदियों ने मस्क बनाना शुरू कर दिया है। बीते 10 दिनों से यूपी की 63 जेलों में अब तक डेढ़ लाख मास्क बनाए जा चुके। कैदियों के बनाए इन मास्क को बंदियों के साथ-साथ कारागार विभाग के कर्मचारी मास्क पहन रहे हैं। अब तो जरूरत से अधिक मास्क बनने लगे है जिनको जिलों को सप्लाई किए जा रहे हैं। सिर्फ ₹5 की लागत से यह मास्क इस कठिन घड़ी में आम जनता के लिए किसी सौगात से कम नहीं है।
क्या कहते हैं आंकड़े
गाजियाबाद जेल में सबसे ज्यादा 20,640 मास्क लखनऊ आदर्श कारागार में 16,700 मास्क आगरा सेंट्रल जेल 6400 नैनी सेंट्रल जेल 4500 मास्क बनाए गए।
अब सिर्फ मास्क नहीं जेल में बंद कैदी सेनिटाइजर भी बना रहे हैं। यूपी की 6 जेलों...गोरखपुर, आगरा, मथुरा, कौशांबी, फिरोजाबाद और गाजियाबाद में सेनिटाइजर बनए जा रहे हैं,वही आगरा सेंट्रल जेल, नैनी जेल में लंबे समय से बनाया जा रहा है साबुन भी किसी सैनिटाइजर से कम नहीं है। वहीं, दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 7 साल से कम की सजा वाले कैदियों को पैरोल देने की कवायद भी अंतिम चरण में है। ऐसे कैदियों की सूची बनाई जा रही है।
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