प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। यूपी बोर्ड की दसवीं और बारहवीं क्लास के इम्तिहान के पहले दिन चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। बोर्ड परीक्षा के पहले ही दिन तकरीबन दो लाख चालीस हज़ार छात्रों ने इम्तिहान छोड़ दिया। पहले दिन के यह वो आंकड़े हैं, जो शाम तक जिलों से ऑनलाइन एंट्री किये गए हैं। तमाम स्कूल ऐसे भी रहे, जिनके आंकड़े किन्ही वजहों से अपलोड नहीं किये जा सके।
बोर्ड का दावा: नक़ल पर नकेल है वजह
पूरे आंकड़े आने पर पहले ही दिन इम्तिहान से तौबा करने वालों की तादात तीन लाख से ज़्यादा होने की उम्मीद है। हालांकि बोर्ड और सरकार से जुड़े ज़िम्मेदार लोग इसे अपनी उपलब्धि मानते हुए खुद अपनी ही पीठ थपथपाने में लगे हैं। ज़िम्मेदार लोगों का दावा है कि नकल पर सख्ती की वजह से इतनी बड़ी तादात में छात्रों ने परीक्षा छोड़ी है।
10वीं और 12वीं के इतने छात्रों ने छोड़ी परीक्षा
बोर्ड द्वारा जारी किये गए आंकड़ों के मुताबिक, दो लाख 39 हज़ार,133 छात्र इम्तिहान में गैर हाजिर रहे। परीक्षा छोड़ने वालों में एक लाख 57 हज़ार छात्र दसवीं कक्षा के हैं, जबकि 82 हज़ार बारहवीं कक्षा के हैं। ख़ास बात यह है कि दसवीं और बारहवीं दोनों ही कक्षा में पहले दिन हिन्दी का पेपर था। हिन्दी का इम्तिहान यूपी बोर्ड में आसान माना जाता है। सवाल यह उठता है कि अगर हिन्दी के इम्तिहान में सवा दो लाख से ज़्यादा छात्र गायब रहे, तो गणित और अंग्रेजी के पेपर में क्या होगा।
पहले दिन की परीक्षा में पकड़े गए 34 नकलची
पहले दिन पूरे यूपी में 34 नकलची भी पकड़े गए। इन चौंतीस नकलचियों में 33 छात्र और एक छात्रा है। नक़ल के आरोप में पकड़े गए छात्र में 27 दसवीं क्लास और सात बारहवीं क्लास के हैं। पहले दिन कुल सात मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें छह एफआईआर छात्रों के खिलाफ हैं, जबकि एक अन्य के खिलाफ है। बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव का दावा है कि पहले दिन की परीक्षाएं शांतिपूर्वक ढंग से संपन्न हुई हैं और पूरे यूपी में कहीं भी हंगामे या गड़बड़ी की कोई खबर सामने नहीं आई है। मंगलवार से शुरू हुई यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में शामिल होने के लिए इस बार 56 लाख से ज़्यादा स्टूडेंट्स ने आवेदन किया था।
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