गोरखपुर एबीपी गंगा। 2019 के लोकसभा चुनाव में दल बदलुओं की किस्मत नहीं चमकी। अंतिम वक्त में एसपी छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले प्रवीण निषाद ही चुनाव जीत पाए लेकिन सबकी किस्मत प्रवीण जैसी नहीं रही। प्रवीण गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में एसपी-बीएसपी के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में जीते थे। बीजेपी ने उन्हें संत कबीर नगर से प्रत्याशी बनाया था। निषाद ने बीएसपी के भीष्म शंकर को 35, 749 मतों से पराजित किया।
हार का देखना पड़ा मुंह
बीजेपी छोड़ने वाली सावित्री बाई फुले की किस्मत दगा दे गई। वह कांग्रेस में गईं और बहराइच से उनकी जमानत जब्त हो गई। कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी का मुकाबला बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह से था। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए दिनेश की किस्मत ने साथ नहीं दिया। इलाहाबाद से बीजेपी सांसद रहे श्यामा चरण गुप्ता ने एसपी का दामन थामा लेकिन बांदा से जीत नहीं पाए।
दगा दे गई किस्मत
बीएसपी छोडकर कांग्रेस में आईं कैसर जहां सीतापुर से चुनाव हार गईं। एसपी छोड़कर कांग्रेस में गए राकेश सचान फतेहपुर से हार गए। बीएसपी छोड़कर कांग्रेस में गए नसीमुददीन सिद्दिकी बिजनौर से हार गए। बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में गए अशोक कुमार दोहरे इटावा से हार गए। मछलीशहर से बीजेपी सांसद रहे चरित्र निषाद एसपी के साथ गए लेकिन मिर्जापुर से चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा।