Akhilesh Yadav News: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव अपनी हाजिरजवाबी और मजेदार कटाक्ष करने के लिए जाने जाते हैं. यूपी विधानसभा हो या अब लोकसभा उनके भाषण और उनकी बातें अक्सर सुर्खियों में रहते है. वहीं लोकसभा चुनाव के बाद देश की सियासत भी काफी हद तक बदल गई है. ऐसे में विपक्ष के नेता के तौर पर लोगों की पहली पसंद कौन है? इसे लेकर एक सर्वे सामने आया है.
इंडिया टुडे और सी वोटर्स ने एक सर्वे किया है जिसमें विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी पहली पसंद बनकर उभरे हैं. तो वहीं अखिलेश यादव की लोकप्रियता में भी जबरदस्त उछाल हुआ है. अखिलेश यादव ने इस मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को भी पछाड़ दिया है. वहीं अगर यूपी की बात की जाए तो उनका कोई तोड़ नहीं है. यूपी से वो अकेले ऐसे नेता है जो विपक्ष के नेता के तौर पर अपनी जगह बना पाए हैं.
अखिलेश यादव की लोकप्रियता में उछाल
इस सर्वे के मुताबिक विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी पहली पसंद हैं. यहीं नहीं फरवरी 2024 में किए गए सर्वे के मुक़ाबले उनकी लोकप्रियता में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. राहुल गांधी विपक्ष के नेता के तौर पर 32.3 फीसद तक पहुँच गए हैं जबकि पहले ये 21.3 फीसद था. दूसरे नंबर पर 7.5 फीसद के साथ अखिलेश यादव है, पिछली बार वो चौथे नंबर थे और 4.2 फीसद पर थे.
तीसरे नंबर पर 7.2 फीसद के साथ पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी है हालाँकि उनकी लोकप्रियता में बहुत कमी आई है. छह महीने पहले उनकी लोकप्रियता 16.5 थी. चौथे नंबर पर अरविंद केजरीवा 6.2 और पांचवें नंबर पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे है जिनकी लोकप्रियता 3.2 है.
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में जिस तरह की राजनीति देखने को मिली है उसके बाद अखिलेश यादव की लोकप्रियता में तेजी इजाफा हुआ है. इन आंकडों से ये साफ हो जाता है. अखिलेश यादव ने इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर जगह बनाई है जबकि यूपी की बात करें तो उनका कोई तोड़ दिखाई नहीं देता है. अखिलेश यादव इस लिस्ट में पहले स्थान पर है.
सांसद बनने के बाद अखिलेश यादव ने यूपी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. यूपी विधानसभा में वो नेता विपक्ष के पद पर थे. यूपी के सदन में उनके और सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच भी दिलचस्प बहस देखने को मिलती थी. सपा ने अब उनकी जगह माता प्रसाद पांडेय को नेता विपक्ष बनाया है लेकिन अखिलेश की कमी सदन में खल रही है.