पिथौरागढ़, एजेंसी। उत्तराखंड के पिथौरागढ के पर्वतारोहियों ने हिमालयी दारमा और व्यास घाटियों को 5435 मीटर उंचे सिन ला दर्रे के जरिये जोड़ने वाला एक नये पैदल रास्ते :ट्रैक रूट: को खोज निकाला है और इस दल में एवरेस्ट फतेह करने वाले पर्वतारोही भी शामिल थे।
पर्वतारोहियों का मानना है कि अगर इस मार्ग को सरकार कमीशन कर देती है तो इससे क्षेत्र में साहसिक पर्यटन को बढावा मिलने के साथ ही रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे जिससे सीमावर्ती गांवों से हो रहे पलायन को भी रोकने में मदद मिलेगी ।
अभियान के आयोजक और 2015 में माउंट एवरेस्ट फतेह कर चुके पर्वतारोही योगेश गरबियाल ने बताया कि सौंदर्य से भरपूर यह नया रूट दारमा घाटी में बिदांग से शुरू होता है और जोलिंगकोंग झील के निकट से गुजरता हुआ सिन ला दर्रे के जरिये व्यास घाटी में गुंजी तक जाता है। उन्होंने कहा कि 56 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक रूट को सरकार कमीशन कर दे तो यह दारमा और व्यास घाटियों को जोडने वाला पहला ट्रैक रूट होगा।
इस साल मई में एवरेस्ट पर विजय हासिल कर चुकीं प्रख्यात पर्वतारोही शीतल भी इस अभियान 'क्लाइम्बिंग एक्रॅास समिट' का हिस्सा थीं। 'सिन ला' दर्रा धारचूला सब डिवीजन के उच्च हिमालयी क्षेत्र में दारमा और व्यास घाटियों को बीच में विभाजित करने वाला उंचा पहाड़ है। गरबियाल ने बताया कि इस रूट की आधिकारिक मंजूरी और सरकार से कमीशनिंग के लिये राज्य सरकार को जल्द ही एक प्रस्ताव भेजा जायेगा।