Atul Rai Rape Case News: घोषी के सांसद अतुल राय के खिलाफ रेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. आरोप लगाने वाली पीड़िता के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भारतेंद्र सिंह की अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया है. अदालत ने ये आदेश कैंट पुलिस की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद दिया है.


क्या है मामला
सांसद अतुल राय के भाई पवन कुमार सिंह की ओर से उनके अधिवक्ता अनुज यादव और विकास सिंह ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था. प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया गया था कि सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने वाली पीड़िता एक जालसाज महिला है. सांसद पर मुकदमा दर्ज कराने के समय उसने अपने हाईस्कूल का अंक पत्र दाखिल किया था जिसमें उसकी जन्मतिथि 10 जून 1997 थी.


गलत दिखाई जन्मतिथि
वहीं, पूर्व में भी उसने यूपी कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष के ऊपर वर्ष 2015 में छेड़खानी और धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें उसने दाखिल अपने हाईस्कूल के अंक पत्र में अपनी जन्मतिथि 10 मार्च 1997 दिखाई है. ऐसे में स्पष्ट है कि केवल धन ऐंठने के लिए फर्जी दस्तवेजों के आधार पर पीड़िता लोगों के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कराती है. इस मामले में कैंट पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर पीड़िता के खिलाफ 23 नवंबर 2020 को धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. 


पुलिस ने पीड़िता के खिलाफ गैर जमानती वारंट प्राप्त किया
मामले में कोई कारवाई पुलिस द्वारा नहीं करने पर सांसद के अधिवक्ता ने कोर्ट में थाने से प्रगति आख्या तलब करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया. इसकी जानकारी मिलने पर आनन-फानन में कैंट पुलिस सोमवार को कोर्ट पहुंची और प्रार्थना पत्र देकर पीड़िता के खिलाफ गैर जमानती वारंट प्राप्त किया.


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