नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में लव जेहाद अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. इसे अब राज्यपाल के पास भेजा गया है. राज्यपाल के अध्यादेश पर दस्तखत करते ही यह कानून तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट में प्रस्ताव रखा था. इसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया.
इसे लेकर मुख्यमंत्री ने कहा, ''कोरोना के चलते हमें विधानसभा का सत्र स्थगित करना पड़ा. कुछ महत्वपूर्ण विधेयक हमारे हैं, जिन्हें अब अध्यादेश के जरिए कानून बनाना है. इनमें से एक धर्म स्वातंत्र्य विधेयक भी है. इसा कानून के तहत लोभ, लालच या फिर विवाह के बाद जबरन धर्म परिवर्तन को अपराध माना है. इसमें साल तक की कड़ी सजा का प्रावधान किया है. जो व्यक्ति या संस्थाएं इसमें सहयोग करेंगी, उन्हें भी अपराधी बनाया जाएगा.''
बता दें कि यह अध्यादेश कुछ मायनों में पिछले महीने उत्तर प्रदेश की भाजपा नीत सरकार द्वारा अधिसूचित 'उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020' के समान है, क्योंकि उसमें भी जबरन धर्मांतरण करवाने वाले के लिए अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है.
इस अध्यादेश के आने के बाद कोई भी व्यक्ति दूसरे को प्रलोभन, धमकी एवं बलपूर्वक विवाह के नाम पर अथवा अन्य कपटपूर्ण तरीके से प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष से उसका धर्म परिवर्तन अथवा धर्म परिवर्तन का प्रयास नहीं कर सकेगा. इसके बाद कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन का षड्यंत्र नहीं कर सकेगा.
यूपी | एमपी | |
कानून | गैर कानूनी धर्मांतरण विधेयक | धर्म स्वातंत्र्य विधेयक |
धर्म छिपाकर शादी | 10 साल तक की सजा | 10 साल तक की सजा |
जबरन धर्म परिवर्तन | संज्ञेय और गैर जमानती अपराध | संज्ञेय और गैर जमानती अपराध |
नाबालिग या अनुसूचित जाति या जनजाति की लड़की | 10 साल तक की सजा, 25 हजार तक जुर्माना | 10 साल तक की सजा, 50 हजार तक जुर्माना |
गैरकानूनी सामूहिक धर्म परिवर्तन | 50 हजार तक जुर्माना, 3 से 10 साल तक की सजा | 1 लाख तक जुर्माना, 5 से 10 साल तक की सजा |
धर्म परिवर्तन के लिए | 60 दिन पहले डीएम को बताना होगा | 60 दिन पहले डीएम को बताना होगा |
कौन करेगा शिकायत | माता, पिता या भाई-बहन | माता, पिता या भाई-बहन, अभिभावक |
विवाह शून्य | प्रावधान नहीं | विवाह अमान्य घोषित किया जा सकता है |
इसके साथ ही भरण पोषण को लेकर जहां उत्तर प्रदेश के कानून में कोई प्रावधान नहीं है तो वहीं मध्य प्रदेश में बच्चों के भरण पोषण की जिम्मेदारी तय करने का प्रावधान किया गया है.
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