(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Kalyan Singh Death: कल्याण सिंह की ही कविता के जरिए शिवराज सिंह चौहान ने दी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि, कहा- ये क्रांति का उद्घोष था
Kalyan Singh Last Rites: शिवराज सिंह चौहान ने कल्याण सिंह के निधन पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए उनकी क्रांति उद्घोष करती कविता सुनाई.
Kanlyan Singh News: उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम कल्याण सिंह (Kalyan Singh) के निधन पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने अपनी संवेदना व्यक्त की. वे कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन के लिए अलीगढ़ पहुंचे और उन्होंने श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उन्होंने कल्याण सिंह को याद कर कहा कि, 'बचपन से उनके दिल और दिमाग में गरीब किसान और पिछड़े वर्गों के लिए रहा है. उन्होंने देश के किसानों के लिए पहली बार अधिकार पत्र बनवाया था'.
कल्याण सिंह की कविता का जिक्र
इसके अलावा उन्होंने कल्याण सिंह की लिखित रचना का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इसके जरिये उन्होंने क्रांति का उद्घोष किया था. 'फूटे घर-घरौंदे तेरे टूटी छान छपरिया रे, सूराखों से पानी टपके भीगे तेरी खटिया रे, अंधियारे में कटे जिंदगी बिना दिया, बिन डिबिया रे, तेरी घरवाली के तन पर फटी-फटाई अंगिया रे, इस सड़ांध में आग लगा दे क्रांति भरे अंगारों से'.
एक आंदोलन थे कल्याण सिंह
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, कल्याण सिंह एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्था एक आंदोलन थे. बचपन से उनके दिल और दिमाग में गरीब, किसान, पिछड़े और शोषितों के कल्याण की कोशिश थी. उन्होंने देश के किसानों के लिए पहली बार अधिकार पत्र बनाया था. एक तरफ से क्रांति का शंखनाद किया था. अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण उनका संकल्प था. ये संकल्प उनके बिना पूरा नहीं हो सकता था. शिलान्यास के दिन उन्होंने संतोष के साथ कहा था कि मेरे जीवन का लक्ष्य पूरा हो गया.
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