UP News: महोबा जेल में बंद कैदी की मौत का मामला सामने आया है. मौत की खबर मिलते ही कैदी के परिवार में कोहराम मच गया. परिजनों ने जेल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने मौत की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया है. मृतक कैदी की पहचान 30 वर्षीय हृदेश उर्फ मोनू के रूप में हुई है. मोनू मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का रहने वाला था.
दो दिन पहले सगे भाई सोनू और परिजनों ने जेल में कैदी से मुलाकात की थी. मुलाकात के दौरान उसने सीने में चार दिन से दर्द की शिकायत की थी. कैदी ने परिजनों से कहा था कि जेल प्रशासन उचित इलाज नहीं करा रहा है. परिजनों ने कहा कि इलाज नहीं होने से मोनू की हालत बिगड़ती चली गयी. जेलर ने सोनू को रात में फोन पर मोनू के हार्ट अटैक की सूचना दी. परिजनों के पहुंचने से पहले दोबारा फोन आया कि मोनू की मौत हो चुकी है. परिजनों का आरोप है कि जेल प्रशासन ने इलाज में लापरवाही बरती है.
जेल में कैदी की मौत पर परिजनों ने उठाये सवाल
इलाज के नाम पर जेल में मोनू को टैबलेट दी गई. उन्होंने कहा कि समय रहते उचित इलाज मिलने से मोनू की जिंदगी बच जाती. मृतक कैदी के बेटे आयुष की उम्र चार साल है. जेलर शिवमूर्ति सिंह ने बताया कि कैदी ने बीमार हने की शिकायत नहीं की थी. रात में बैरक बंद होने के बाद ड्यूटी पर तैनात कर्मी घर चले गए. तभी कैदी की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिली. जेल के अंदर डॉक्टर ने इलाज किया. हालत गंभीर होने पर अस्पताल भी भेजा गया. अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने कैदी को मृत घोषित कर दिया. जेलर ने आशंका जताई है कि हार्ट अटैक के चलते कैदी मौत हुई है. उन्होंने परिजनों के आरोप को बेबुनियाद बताया है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया है.
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