Sambhal Violence: लोकसभा नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के आज बुधवार(4 दिसंबर) को हिंसा प्रभावित संभल का दौरा करने जाने वाले थे. लेकिन गाजीपुर बार्डर पास पुलिस ने उन्हें रोक दिया. जिसके बाद वहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की. इजाजत ने मिलने पर राहुल और प्रियंका को वापस दिल्ली लौटना पड़ा. वहीं राहुल के दौरे को लेकर लगातार विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया सामने आ रही है. इसी बीच सपा सांसद रामगोपाल यादव का भी बयान सामने आया है. रामगोपाल यादव ने कहा कि हमारी पार्टी पहले से ही संभल जा रही थी और उन्हें भी अनुमति नहीं दी गई. 


गाजीपुर बार्डर पर राहुल ने कहा कि मैं संभल जाना चाहता हूँ, मुझे जाने नहीं दिया जा रहा है. मैं एलओपी हूँ. मेरे अधिकारों का हनन हैं. मुझे बोले कुछ दिन बाद आपको जाने दिया जा सकता है. मैंने अकेले जाने के बात की मुझे अकेले भी नहीं जाने दिया जा रहा है.  प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा  राहुल गांधी का संवैधानिक अधिकार है. एलओपी है, उन्हें संभल जाने की इजाजत देनी चाहिए. इस बीच कांग्रेस सांसद और महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि उन्होंने कहा कि वे हमें 4-5, 6 दिन बाद अनुमति(संभल जाने की) देंगे. उन्होंने जानबूझकर यातायात को अवरुद्ध कर दिया है. वे नहीं चाहते कि हम आम लोगों के लिए (संभल)जाएं.


क्या बोली कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत
राहुल-प्रियंका गांधी के काफिले को संभल जाने की इजाजत नहीं मिलने पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी, प्रभारी महासचिव अविनाश पाण्डेय, PCC अध्यक्ष अजय राय और सभी कांग्रेस सांसद और कार्यकर्ता संभल जाना चाहते थे राहुल गांधी ने यहां तक कहा कि भारतीय संस्कृति में शोक संतप्त परिवारों से मिलने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. वह प्रशासन की गाड़ी में अकेले बैठकर जाने के लिए तैयार थे, यहां तक कि DGP से भी बात की. लेकिन इसके बावजूद उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन उन्हें रोक रहा है. इससे मन में कई सवाल उठते हैं कि ऐसा कौन सा सच है जो छुपाया जा रहा है.


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